नयी दिल्ली : लोकसभा में आज कांग्रेस और तेदेपा के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ कथित अभद्र भाषा का इस्तेमाल किये जाने को लेकर भिड गये. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने दोनों ही पार्टियों के सदस्यों की शिकायत अध्यक्ष मीरा कुमार से की.तेदेपा के चार और कांग्रेस के पांच सदस्यों को एकीकृत आंध्र के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही लगातार बाधित करने पर अध्यक्ष द्वारा पांच दिन के लिए निलंबित किए जाने के बाद सदन की बैठक करीब सवा 11 बजे दोपहर दो बजे तक स्थगित किए जाने के बाद यह घटना हुई.
जैसे ही अध्यक्ष ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित की, कांग्रेस के संदीप दीक्षित और मधु याक्षी गौड़ तथा तेदेपा सदस्य एन क्रिस्टप्पा, एम वेणुगापाल रेड्डी, के एन राव और एन शिवप्रसाद के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरु हो गया. दोनों ने एक दूसरे पर अभद्र और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया.
हुसैन ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कांग्रेस सदस्यों के इस व्यवहार की निंदा करते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह घटना शर्मनाक है. कांग्रेस के मुख्य सचेतक दीक्षित और गौड़ ने उन सांसदों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें धमकी दी, जिनके नामों का अध्यक्ष ने उल्लेख किया था.’’ घटना की निंदा करते हुए हुसैन ने कहा कि कांग्रेसी सांसदों ने संसदीय शिष्टाचार के सारी सीमाएं तोड दी हैं.
उधर दीक्षित ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जब उन्होंने तेदेपा सदस्यों से सदन में कार्यवाही को बाधित करने के बजाय बाहर जाने और वहां बात करने को कहा तो कांग्रेस सदस्यों से अभद्र व्यवहार किया गया.
दोनों के बीच टकराव से पूर्व तेदेपा के चार और कांग्रेस के पांच सदस्यों को पांच दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होते ही तेदेपा और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर एकीकृत आंध्र के मुद्दे पर नारेबाजी शुरु कर दी. इस पर अध्यक्ष ने उनके नामों का उल्लेख किया.
तुरंत बाद कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गयी. निलंबित सदस्यों के सदन से बाहर नहीं जाने और दो बजे कार्यवाही शुरु होने पर हंगामा जारी रहने के कारण उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.