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मुठभेड़ में बेटे के सफाये का डर नहीं : भटकल के पिता

बेंगलूर : इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल के पिता ने आज यह कहते हुए अपने बेटे की गिरफ्तारी पर राहत जतायी कि किसी फर्जी मुठभेड़ में उसके ‘‘सफाये’’ का उनका खौफ अब खत्म हो गया है.यहां मीडिया को दिए गए एक बयान में जरार सिद्दीबापा ने कहा, ‘‘हम मीडिया रिपोर्टों से यह जानकर बेहद […]

बेंगलूर : इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल के पिता ने आज यह कहते हुए अपने बेटे की गिरफ्तारी पर राहत जतायी कि किसी फर्जी मुठभेड़ में उसके ‘‘सफाये’’ का उनका खौफ अब खत्म हो गया है.यहां मीडिया को दिए गए एक बयान में जरार सिद्दीबापा ने कहा, ‘‘हम मीडिया रिपोर्टों से यह जानकर बेहद राहत महसूस कर रहे हैं कि अहमद सिद्दीबापा (यासीन भटकल) को गिरफ्तार कर लिया गया है. हम राहत इसलिए महसूस कर रहे हैं क्योंकि सच्चाई सामने आएगी और हमारा यह डर अब खत्म हो गया है कि उसे किसी फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया जाएगा.’’

जरार ने कहा कि उनके परिवार को न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और उनका बेटा उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद यदि कसूरवार पाया जाता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह सिद्धांत माना जाना चाहिए कि जब तक कोई कसूरवार न करार दे दिया जाए तब तक वह बेकसूर होता है.’’मीडिया में अपने बेटे के बारे में कई तरह की गलत बातें फैलाए जाने का दावा करते हुए जरार सिद्दीबापा ने कहा कि वह बुनियादी तथ्यों को सार्वजनिक स्तर पर रखना चाहते हैं. जरार सिद्दीबापा उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल में रहते हैं.

मोहम्मद जरार अहमद सिद्दीबापा के नाम से भी जाना जाने वाला यासीन भटकल उत्तर बिहार में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया. उसके साथ इंडियन मुजाहिदीन का एक और सदस्य असदुल्ला अख्तर भी गिरफ्तार किया गया. अहमदाबाद, सूरत, बेंगलूर, पुणे, दिल्ली और हैदराबाद में हुई आतंकी वारदात के मामलों में यासीन की तलाश थी.यासीन के पिता ने कहा, ‘‘मेरे बेटे का जन्म 1983 में हुआ था. वह पहली से 10वीं कक्षा तक भटकल में ही पढ़ा. दुबई से गायब होने से पहले तक हमारी जानकारी में उसने कभी भी पुणे में कदम नहीं रखा था. वह 10वीं कक्षा की परीक्षा पास नहीं कर सका था.’’

जरार ने कहा कि उनका बेटा नवंबर 2005 में दुबई रवाना हुआ था और 2007 में दुबई से ‘‘गायब’’ हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘परिवार और दुबई के खुफिया अधिकारियों की बेहतरीन कोशिशों के बावजूद अहमद का पता नहीं लगाया जा सका. हम मीडिया से अनुरोध करते हैं कि उसका मीडिया ट्रायल न करें और उसे स्वतंत्र तथा निष्पक्ष मुकदमे का सामना करने दें.’’ बयान पर यासीन भटकल के चाचा याकूब सिद्दीबापा के भी दस्तखत हैं.

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