नयी दिल्ली : इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) का सह संस्थापक यासीन भटकल विस्फोट के कई मामलों में वांछित है और एनआईए एवं राज्य पुलिस बल उससे पूछताछ कर रहे हैं. भटकल को भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया गया है.
वह पिछले वर्ष एक अगस्त को पुणो के जंगली महाराज रोड विस्फोट मामले का भी मुख्य षड्यंत्रकर्ता है. विस्फोट में एक व्यक्ति जख्मी हो गया था. भटकल बेंगलूर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2010 में हुए विस्फोट और 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट में भी संलिप्त रहा.
कर्नाटक के भटकल का रहने वाला आईएम का सह संस्थापक दिल्ली श्रृंखलाबद्ध विस्फोट (2008), अहमदाबाद विस्फोट (2008) और सूरत विस्फोट (2008) में भी शामिल रहा. वह जयपुर विस्फोट (2008), वाराणसी के दशाश्वमेध घाट विस्फोट (2010) और मुंबई में हुए विस्फोट (2011) में भी संलिप्त था.
भटकल इस वर्ष हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में भी संदिग्ध है. वह आतंकवाद की कई गतिविधियों में एनआईए और राज्य पुलिस बलों द्वारा वांछित है. भादंसं और गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत उस पर मामला दर्ज करने वाली एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दस लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी.
भटकल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था. प्रतिबंधित संगठन आईएम को सरकार ने अवैध गतिविधियां निवारण अधिनियम के तहत जून 2010 में आतंकवादी समूह घोषित किया था.
खतरनाक आतंकवादियों में से एक भटकल: आर के सिंह
भारत के पूर्व गृह सचिव आर के सिंह ने आज कहा कि यासीन भटकल इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का ‘सबसे खतरनाक’ आतंकवादी है और उसका पकड़ा जाना ‘एक बड़ी सफलता’ है.हाल के दिनों तक देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था के शीर्ष अधिकारी रहे सिंह ने कहा कि यासीन आईएम का सबसे सक्रिय आतंकी था. वह आतंकी घटनाओं का आयोजक होने के साथ साथ खुद बम लगाने का काम भी करता था और वास्तव में वह आईएम का सबसे खतरनाक आतंकवादी था.
उन्होंने कहा, ‘‘हम उसके पीछे लगे हुए थे. मुझे लगता है कि उसका पकड़ा जाना एक बड़ी सफलता है. ’ सिंह ने कहा कि मुंबई ट्रेन धमाकों की पूछताछ रिपोर्ट में भी भटकल का नाम सामने आया था और उस मामले में उसकी भूमिका की ‘बेहद बारीकी’ से जांच की जानी थी.
उन्होंने बताया ‘‘एक बार ऐसा कहा गया कि उसे कोलकाता में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनके (सुरक्षा एजेंसियों) पास उसकी कोई पहचान नहीं थी, इसलिए वह जमानत लेने में सफल रहा और फिर एक दूसरे मौके पर हमारी एजेंसियों ने उसे पकड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन वह चकमा देकर बच निकला.
सिंह ने कहा कि यासीन भटकल इमरान नाम का भी इस्तेमाल करता था और इंडियन मुजाहिदीन संगठन का प्रतिष्ठान पाकिस्तान में स्थित है. पूर्व गृह सचिव ने कहा कि भटकल की गिरफ्तारी से आईएम की क्षमताएं निश्चित तौर पर कमजोर होंगी, लेकिन इस आतंकी संगठन के पूरे ढांचे और उसकी योजनाओं को खत्म करने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है.सिंह ने कहा कि भटकल की गिरफ्तारी देश की विभिन्न सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल का नतीजा है. उन्होंने कहा, ‘‘बीते डेढ़ वर्षों में हमने इन आतंकियों को पकड़ने में उल्लेखनीय प्रगति की है.’’