नयी दिल्ली :नयी दिल्ली दाउद अब्राहम का दाहिना हाथ माना जा रहा खूंखारआतंकवादीअब्दुलकरीमटुंडा ने जामा मस्जिद की बिरयानी खाने की मांग रखी है.
फिलहाल टुंडा से सेल के लोदी रोड स्थित ऑफिस में पूछताछ की जा रही है. कॉन्फ्रेंस रूम में टीवी लगा हुआ है, जिसमें टुंडा ज्यादातर बार न्यूज चैनलों पर अपना फोटो और खबरें देखकर मुस्कराता रहता है. उसे अपनी किसी भी बात पर कोई पछतावा नहीं है. वह सेल को पूछताछ में सपोर्ट कर रहा है. मगर जो बातें वह बता रहा है उनमें कितनी सचाई है, इसका पता लगाया जा रहा है.
पूछताछ के दौरान टुंडा ने अधिकारियों के सामने डिमांड रखी कि उसे पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद एरिया की बिरयानी खानी है. ऑफिसर्स ने उसकी इस मांग को ठुकरा दिया. गौरतलब है कि मुंबई अटैक के दोषी पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब को जेल में बिरयानी खिलाए जाने का मामला सुर्खियों में रहा था.
खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ‘परिवारवाला’ है और उसकी तीन बीवियां और सात बच्चे हैं. उसकी सभी बीवियां पाकिस्तान में रहती हैं.
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि टुंडा के अनुसार उसके सबसे बड़े बेटे की आयु 48 वर्ष है. वह कुछ वर्ष पहले गुम हो गया था. वहीं उसके सबसे छोटा बेटा मात्र साढ़े तीन वर्ष का है.
जांचकर्ताओं के अनुसार टुंडा ने उन्हें बताया कि उसकी दूसरी बीवी मुमताज से उसका तीसरा पुत्र अब्दुल वारिस भारत में एक आतंकवादी घटना में शामिल था. जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसे एक बार गिरफ्तार किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘टुंडा ने दावा किया है कि वारिस भी लश्करे तैयबा का एक सक्रिय सदस्य था. उसने एक भारतीय जेल में आठ वर्ष की सजा काटी और उसके बाद पाकिस्तान लौटा.’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि टुंडा की तीन बीवियां जरीना, मुमताज और आसमा छह बच्चों के साथ लाहौर में रहती हैं. उसके पुत्र लाहौर और कराची में उसका धंधा संभालते हैं.
‘‘टुंडा ने सबसे पहले जरीना से 1964 में गाजियाबाद स्थित अपने पैतृक स्थान पर निकाह किया था. वर्ष 1984 में जब वह काम की तलाश में अहमदाबाद गया तो उसने मुमताज से विवाह किया. उसकी तीसरी बीवी आसमा 18 वर्ष की थी जब उसने बांग्लादेश में 1995 में उससे निकाह किया था.’’
40 वर्ष की आयु में जेहादी तत्वों के साथ शामिल होने से पहले टुंडा देश में कई स्थानों पर रहा और कई काम किये. उसने दिल्ली स्थित एक बैंक की शाखा में सुरक्षा गार्ड के रुप में भी काम किया. उसने कपड़े व्यापारी के रुप में अहमदाबाद में काम करने के साथ ही आगरा, इटारसी और खंडवा में विभिन्न काम किये.
पुलिस ने बताया कि वर्ष 1985 में वह राजस्थान के टोंक शहर गया जहां उसने एक मस्जिद में काम शुरु किया. टोंक में एक पाइप बम बनाने के दौरान उसका हाट कट गया जिसके बाद उसके नाम टुंडा पड़ा.
पाकिस्तान में मदरसों में युवकों को जेहाद के लिए तैयार करने के साथ ही टुंडा एक कपड़े का कारखाना चलाता था और कराची और लाहौर में उसकी कपड़े और इत्र की दुकानें थीं.
पुलिस ने बताया कि टुंडा को मंगलवार को उस मामले में अदालत में पेश किया जाएगा जिसमें वर्ष 1994 में दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में विस्फोटक की एक खेप बरामद की गई थी. इस मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.