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कर्ज में डूबा है बिजली क्षेत्र : हरियाणा सरकार

चंडीगढ : हरियाणा सरकार ने कहा है कि प्रदेश की सरकारी बिजली उत्पादन तथा वितरण कंपनियां कर्ज में डूबी हैं और उन पर पिछले 10 साल में कर्ज बढकर 38,345 करोड रुपये पहुंच गया. हरियाणा सरकार द्वारा आज जारी श्वेत पत्र के अनुसार इन कंपनियों का नुकसान पिछले एक दशक में बढकर 27,333 करोड रुपये […]

चंडीगढ : हरियाणा सरकार ने कहा है कि प्रदेश की सरकारी बिजली उत्पादन तथा वितरण कंपनियां कर्ज में डूबी हैं और उन पर पिछले 10 साल में कर्ज बढकर 38,345 करोड रुपये पहुंच गया. हरियाणा सरकार द्वारा आज जारी श्वेत पत्र के अनुसार इन कंपनियों का नुकसान पिछले एक दशक में बढकर 27,333 करोड रुपये हो गया. श्वेत पत्र के दूसरे हिस्से के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पिछले 10 साल में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हरियाणा बिजली उत्पादन निगम का नुकसान 500 प्रतिशत तथा कर्ज 200 प्रतिशत बढ गया.

इसी प्रकार, बिजली वितरण कंपनियों उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का नुकसान और कर्ज क्रमश: 2,600 प्रतिशत 1,900 प्रतिशत बढा. हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने कहा कि हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (एचपीजीसीएल) को 2004-05 में 87 करोड रुपये का नुकसान था. यह घाटा 2013-14 में 500 प्रतिशत बढकर 438 करोड रुपये हो गया.

2004-05 से कंपनी चार साल तक लाभ में रही जबकि छह साल नुकसान में. कंपनी पर 31 मार्च 2004 तक कुल कर्ज 2,467 करोड रुपये था जो 31 मार्च 2014 तक 200 प्रतिशत बढकर 5,748 करोड रुपये हो गया. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल) कंपनी का कर्ज 31 मार्च 2004 को 2,493 करोड रुपये था और 31 मार्च 2014 को यह बढकर 4,398 करोड रुपये हो गया.

दोनों कंपनियों पर संयुक्त रुप से कर्ज 2013-14 में 10,146 करोड रुपये रहा. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू के अनुसार बिजली वितरण कंपनियों. उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम 2004-05 से पूरे 10 साल तक नुकसान में रही. दोनों कंपनियों का घाटा 2004-05 के 1,030 करोड रुपये के मुकाबले 2013-14 में 2,600 प्रतिशत बढकर 26,912 करोड रुपये हो गया. दोनों कंपनियों पर कर्ज जहां 31 मार्च 2004 को 1,458 करोड रुपये था, वह 31 मार्च 2014 को बढकर 28,199 करोड रुपये हो गया.

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