नयी दिल्ली : दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घिनौनी वारदात के किशोर आरोपी के खिलाफ फैसले को किशोर न्याय बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश का अनुसरण करते हुए 19 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि मुख्य मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने आज इस तथ्य पर विचार करते हुए फैसले को 19 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने उससे कहा है कि ‘किशोर’ शब्द की सही व्याख्या करने की मांग संबंधी याचिका पर उसका निर्णय आने तक वह (मजिस्ट्रेटी अदालत) अपना फैसला नहीं सुनाए.उन्होंने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड ने इस किशोर के खिलाफ एक कारपेंटर के साथ लूट के उस मामले में सजा सुनाने के लिए भी 19 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है जिसमें वह दोषी करार दिया जा चुका है. जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘किशोर’ शब्द का नए सिरे से व्याख्या करने की मांग को लेकर याचिका दायर की है.
बीते 31 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने स्वामी से कहा था कि वह किशोर न्याय बोर्ड को सूचित करें कि वह जनहित याचिका पर फैसला होने तक 16 दिसंबर के मामले में किशोर के खिलाफ फैसला नहीं सुनाए. 14 अगस्त को स्वामी की याचिका पर सुनवाई होगी.पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली में चलती बस में 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कर और हैवानियत का व्यवहार किया गया था. एक पखवाड़े तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद इस लड़की ने सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.