आगरा : आगरा के एक मोहल्ले के रहने वाले लोगों के जहन में पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ममनून हुसैन के बचपन से जुड़ी कई मीठी यादें हैं. हुसैन का जन्म वर्ष 1940 में आगरा में ही हुआ था. यहां के नाई की मंडी इलाके के रहने वाले और अब काफी कमजोर हो चुके 95 वर्षीय इमाम कुरैशी के अनुसार, ममनून का जन्म इसी इलाके के छोटी हताई मोहल्ला में हुआ था. वर्ष 1948 में परिवार के पाकिस्तान जाकर बस जाने से पूर्व उन्होंने इस इलाके के अहमदिया मदरसा से पढ़ाई की.
हुसैन के परिवार से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कुरैशी ने कहा कि वे ममनून के पिता कल्लू कुरैशी को बहुत अच्छी तरह जानते थे. उनके दादा उस्ताद जफर कुरैशी एक जाने-माने जूता बनाने वाले थे. खास किस्म के जूते बना सकने की उनकी काबिलियत के चलते उन्हें ‘उस्ताद’ कहा जाता था.वे बताते हैं कि उन्होंने एक ब्रितानी अफसर के आर्डर पर एक ऐसा जूता बनाया था जिसका सोल तरबूज के छिलके से बना था. लेकिन वह इतना बढ़िया बना था कि उसे बाहर से देखकर कोई इस बात का अंदाजा ही न हीं लगा सकता था. पाकिस्तान के प्रमुख उद्यमी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रमुख सहयोगी हुसैन उस उर्दू भाषी समूह से संबंधित हैं जो विभाजन के दौरान भारत से पाकिस्तान चला गया था.
शरीफ के नेतृत्व वाली सत्ताधारी पीएमएल-एन ने 30 जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए हुसैन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है. पीएमएल-एन के पास संसद सदस्यों और चार प्रांतीय विधानसभाओं में स्पष्ट बहुमत होने की वजह से हुसैन के आसानी से राष्ट्रपति चुनाव जीतने की उम्मीद है.