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इशरत जहां एनकाउंटर : फारार आईपीएस को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में फरार गुजरात पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी पी पाण्डे को अहमदाबाद की अदालत में 29 जुलाई को पेश होने का आज निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि इस दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो पांडे को गिरफ्तार नहीं करेगा.न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में फरार गुजरात पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी पी पाण्डे को अहमदाबाद की अदालत में 29 जुलाई को पेश होने का आज निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि इस दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो पांडे को गिरफ्तार नहीं करेगा.न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि सीबीआई की विशेष अदालत में सोमवार को पाण्डे हाजिर नहीं होते हैं तो गिरफ्तारी के प्रति उन्हें मिला संरक्षण खत्म हो जायेगा. भारतीय पुलिस सेवा के 1982 बैच का यह अधिकारी इस समय गुजरात में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक है. न्यायालय ने पी पी पाण्डे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जसपाल सिंह के इस आश्वासन के बाद यह आदेश दिया कि यह पुलिस अधिकारी संबंधित अदालत के समक्ष पेश होगा और तब तक के लिये उसे संरक्षण दिया जाना चाहिए.

जांच एजेन्सी की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल इन्दिरा जयसिंह ने पाण्डे को किसी भी प्रकार का संरक्षण देने के न्यायालय के आदेश का पुरजोर विरोध किया. उनका कहना था, ‘‘यह अधिकारी भूमिगत हो गया है और उसे किसी तरह का संरक्षण देने की आवश्यकता नहीं है. वह इस मामले में आरोपी है.’’लेकिन शीर्ष अदालत ने पाण्डे को अंतरिम संरक्षण देते हुये कहा कि निचली अदालत में इस अधिकारी के पेश होने के बाद कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए. न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘पाण्डे संबंधित अदालत में सोमवार को हाजिर होंगे और कानून अपना काम करेगा.’’ न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि यह पुलिस अधिकारी सोमवार को अदालत में पेश नहीं हुआ तो फिर उसे किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी.

न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत में पेश होने के बाद पाण्डे जमानत की अर्जी पेश कर सकते हैं जिस पर कानूनी प्रावधानों के अनुरुप ही कार्यवाही की जायेगी. गुजरात उच्च न्यायालय ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के लिये उनकी याचिका एक जुलाई को खारिज कर दी थी.उच्च न्यायालय ने पाण्डे की याचिका खारिज करते हुये उन्हें 2004 के इस मुठभेड़ कांड में भगोड़ा घोषित कर दिया था. इस मुठभेड़ के समय पाण्डे अहमदाबाद पुलिस में संयुक्त आयुक्त के रुप में अपराध शाखा के मुखिया थे. अहमदाबाद के बाहरी इलाके में 15 जून, 2004 को गुजरात पुलिस के साथ मुठभेड़ में इशरत जहां के साथ ही जावेद शेख उर्फ प्रणोश पिल्लै, अमजदअली अकबरअली राणा और जीशान जौहर मारे गये थे.

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