प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट
देहरादून:बद्रीनाथ धाम के पास ग्लेशियर पिघलने से बहुत बड़ी झील बन गयी है. इससे केदारनाथ के समान ही एक बड़ी आपदा का खतरा बढ़ गया है. चमोली जिला प्रशासन ने खतरे के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है. सतोपंत ग्लेशियर बद्रीनाथ धाम से करीब आठकिमी दूरी है. भागीरथ खड़क व सतोपंत ग्लेशियर के बीच एक झील बन गयी है. भाग्यानू बैंक ग्लेशियर से निकले मलबे ने अलकनंदा नदी का रास्ता रोक दिया है.
मलबे से नदी का 2553 वर्ग मीटर का क्षेत्र बाधित हो गया है. गुरुवार को आपदा विभाग की ओर से चमोली प्रशासन के पास जैसे ही सतोपंत और अलकनंदा नदी पर ग्लेशियर टूटने की सूचना आयी, एक बार फिर से लोगों को बाबा केदार की भयावह त्रसदी याद आ गयी. चमोली के डीएम एम सरमुगम ने बताया, देहरादून आपदा कंट्रोल से हमको सूचना मिली है. इस सूचना का हमने संबंधित इलाकों को इसकी मॉनिटरिंग करने और लोगों को अलर्ट करने के लिए निर्देश दे दिया है. जोशीमठ में सीडीओ को एरियल सर्वे करने को कहा है.
केदारनाथ धाम के लिए नया रास्ता
बाढ़ से बुरी तरह तबाह हो चुके केदारनाथ धाम के लिए सेना ने गुरु वार को एक नया रास्ता खोल दिया. अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रि या बल के विशेष अनुरोध पर इस कार्य को अंजाम दिया गया. 16 एवं 17 जून को हुई भारी बारिश तथा बादल फटने के कारण केदारनाथ के लिए जाने वाले सड़क मार्गो को भारी नुकसान पहुंचा है तथा केदारनाथ के लिए जानेवाला पैदल मार्ग बंद हो गया है.