चंडीगढ: अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी गिरोह मामले में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को समन दिए जाने के बाद भाजपा ने शिअद नेता के इस्तीफे की मांग की. भगवा दल के इस कदम से दोनों दलों के बीच संबंधों में और तनाव आ सकता है.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से अपील की कि उन्होंने जिस नैतिकता का उदाहरण दिया है उसका मजीठिया को पालन करना चाहिए और पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
चुघ ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने इसी आधार पर और इसी मामले में कैबिनेट मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर का इस्तीफा मांगा था. न तो अकाली दल और न ही सरकार के हित में यह है कि वह एक ही मामले में अलग-अलग व्यक्तियों के साथ अलग-अलग मानदंड अपनाए.’’ चुघ ने स्पष्ट किया, ‘‘इसमें न तो कुछ व्यक्तिगत है और न ही कोई बुरी मंशा है.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा यह सुझाव दे रही है ताकि शिअद..भाजपा गठबंधन द्वारा संचालित सरकार की छवि को बचाया जा सके. सत्तारुढ गठबंधन पिछले कई महीने से कठिन दौर से गुजर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘जिन सरकारों ने इन नैतिकता का दावा किया है उन्होंने इस परिपाटी का पालन किया है.. मजीठिया को खुद ही इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए थी। उन्हें जैसे ही आरोपों में बरी कर दिया जाए वह फिर से सरकार में शामिल हो सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि वास्तव में यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिद्धांतों के मुताबिक होगा जिनका नशा पर काफी स्पष्ट रुख है.
उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साले और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई को ईडी ने 26 दिसम्बर को 6000 करोड रुपये के नशा तस्करी मामले में कथित मनी लांड्रिंग को लेकर उपस्थित होने के लिए समन भेजा है.
चुघ ने कहा कि उनकी पार्टी शिअद के मुख्य संसदीय सचिव अविनाश चंदर का इस्तीफा भी मांगती रही है क्योंकि वह उच्च नैतिक मानदंडों को बरकरार रखने को प्रतिबद्ध है और नशा तस्करी के खिलाफ न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका ठोस रुख है.
राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा की नशे के संवेदनशील मुद्दे का ‘‘राजनीतिकरण’’ करने के लिए आलोचना करते हुए चुघ ने कहा कि मुद्दे पर बयान जारी करने से पहले कांग्रेस को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.