पटनाः भारतीय जनता पार्टी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नरेन्द्र मोदी बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं को आज मोबाइल से नयी तकनीक के जरिये संपर्क किया. मोदी ने कहा बिहार के लोगों में काबिलियत है. उन्होंने जडीयू पर निशाना साधते हुए कहा विश्वासघात का जवाब जनता देगी. आज देश का महौल 1947 जैसा है देश के लोग महंगाई की मार से लोग बेहाल है.
मोदी गांदीनगर से बिहार कार्यकताओं को संबोधन कर रहे थे. गौरतलब है कि राज्य बीजेपी अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में पार्टी की चुनावी रणनीति पर विचार करने के लिए नरेंद्र मोदी शनिवार को राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक के 1,500 पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. यह अपनी तरह की पहली हाईटेक कवायद है.
पांडेय ने कहा कि कॉन्फ्रेंसिंग शाम छह बजे से शुरू होकर एक घंटे चलेगी. इसमें विभिन्न स्तरों के पार्टी कार्यकर्ताओं का पांच-पांच सौ का तीन समूह होगा. प्रत्येक समूह में से पांच लोग मोदी से बातचीत करेंगे और अन्य लोग उन्हें सुनेंगे.
बिहार बीजेपी प्रमुख ने कहा कि पहले समूह में राज्य कार्य समिति के सदस्य और जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे. दूसरे समूह में जिला और ब्लॉक स्तर के पार्टी अध्यक्ष होंगे तथा तीसरे और अंतिम समूह में पंचायत स्तर के पार्टी कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के सदस्य होंगे. मंगल पांडेय ने कहा कि बातचीत में सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता नन्दकिशोर यादव इसमें भाग नहीं लेंगे.
बिहार की राजनीति में यह मोदी के आगमन जैसा है. इसे प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार से साथ हिसाब बराबर करने से जोड़कर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि नीतीश की पार्टी जेडीयू ने बीजेपी में नरेंद्र मोदी का ओहदा बढ़ाए जाने के कारण 16 जून को बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2010 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार से दूर ही रहे थे.बिहार में बीजेपी के पास 12 लोकसभा सीटें हैं, जबकि जेडीयू के पास 20 सीटें हैं. आरजेडी के पास 4, जबकि कांग्रेस के पास 2 लोकसभा सीटें हैं.
नरेंद्र मोदी के टेलिकांफ्रेंसिंग को जदयू ने नाटक बताया-भाजपा के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नरेन्द्र मोदी का बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ टेलिकांफ्रेंसिंग के जरिए आज शाम होने वाली बातचीत को जदयू ने नाटक करार देते हुए कहा कि ऐसा शहरी क्षेत्रों में संभव है और यह आमजन के बीच संभव नहीं है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सूचना तकनीक का प्रयोग वैसे शहरी इलाके जहां शिक्षा दर अधिक है किया जा प्रभाव डालते हैं, लेकिन गांव जहां अधिकांश आबादी रहती है, वहां टीवी सहित सूचना तकनीक के अन्य साधनों की कमी के कारण इससे कोई फर्क नहीं पडेगा.
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति या कोई दल सूचना के उच्च तकनीक की मदद से सबकुछ पा लेंगे यह उनकी सोच है, पर हमारी पार्टी ऐसे तकनीकी उपकरणों को नहीं खरीदेगी.
सिंह ने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का उदाहरण देते हुए कहा कि नायडू ने अपने प्रदेश को सूचना तकनीक के गढ के रुप में विकसित किया था, पर चुनाव हार गए थे. उन्होंने भाजपा के पूर्व के ‘फीलगुड’ नारे की चर्चा करते हुए कहा कि उस नारे का नकारात्मक असर उसे वर्ष 2004 के चुनाव में देखने को मिला.