अहमदाबाद: इशरत जहां मामले में सीबीआई द्वारा आज दाखिल आरोपपत्र में दावा किया गया है कि फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने के पहले कालेज छात्रा इशरत जहां और तीन अन्य को गुजरात पुलिस की हिरासत में रखा गया था.
मुख्य जांच अधिकारी सीबीआई उपाधीक्षक जी कलैमणि ने आज पहला आरोपपत्र दाखिल किया. उन्होंने कहा कि इशरत के साथ मारा गया कथित पाकिस्तानी नागरिक जीशान जोहर करीब तीन महीने तक गुजरात पुलिस की अवैध हिरासत में था.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और सीबीआई न्यायाधीश एच एस खुतवाड के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि जीशान जोहर को गुजरात सब्सिडियरी आईबी के तत्कालीन प्रमुख राजेंद्र कुमार के दो मुखबिरों की मदद से अप्रैल 2004 में अहमदाबाद लाया गया था.
जीशान को अहमदाबाद लाने के लिए राजेंद्र कुमार ने अपने दो मुखबिरों का इस्तेमाल किया और उसे नगर के गोता हाउसिंग सोसाइटी के एक अपार्टमेंट में रखा गया था. इशरत जहां और जावेद शेख एक नीली इंडिका कार से 12 जून को आणंद जिले में वसाद टाल बूथ पहुंचे. वहां उन्हें एन के अमीन और तरुण भनोट की हिरासत में ले लिया गया.