नयी दिल्ली : केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को कानून के तहत मातृत्व लाभ देने पर जोर देते हुए आज कहा कि महिलाओं की आधी जनसंख्या के साथ भेदभाव समाप्त होना चाहिए.
कृष्णा ने चिंता जताते हुए कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 महिलाओं के इस बड़े वर्ग की सहायता करने में विफल रहा है और कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने की जरुरत है ताकि उन्हें भी इसके दायरे में लाया जा सके.
उक्त अधिनियम बच्चे के जन्म से पहले और बाद की निश्चित अवधि के लिए महिलाओं के कार्यस्थलों के संबंध में प्रावधान रखता है.
कृष्णा ने यहां आयोजित मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 पर राष्ट्रीय परामर्श में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, हमारे देश की करीब आधी महिला जनसंख्या कृषि मजदूरी, निर्माण क्षेत्र और घरेलू सेवक जैसे असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं और उन्हें मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत लाभ नहीं मिलते.
उन्होंने कहा, कई महिलाओं को तो कानून के बारे में भी नहीं पता. महिलाएं प्रसव के बाद जल्दी काम पर जाने के लिए मजबूर होती हैं क्योंकि उन्हें नौकरी चले जाने का डर रहता है. ऐसी स्थिति में उनके बच्चे और उनके खुद के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.