नयी दिल्ली : पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़ी कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया के टेलीफोन कॉल की रिकॉर्ड की गयी वार्ता और उसके मजमून की एक सीडी रेकॉर्ड में लाने के सीबीआई के आग्रह का आज विरोध किया.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष दाखिल अपने दो पन्ने के जवाब में राजा ने कहा कि एजेंसी के आग्रह में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि आरोपपत्र दाखिल करने के समय ये दस्तावेजों क्यों नहीं दाखिल किये गये.
न्यायाधीश ने इस मसले पर सुनवाई नौ जुलाई तक टाल दी. राजा ने अपने जवाब में कहा, जवाब के तहत आवेदन कानून के किसी प्रावधान से मुक्त है. यहां यह उल्लेख करना सही होगा कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत इतने विलंबित चरण में किसी निचली अदालत के समक्ष कोई दस्तावेज या वस्तु दाखिल की जा सकती है.
उन्होंने कहा, जवाब के तहत आवेदन में आरोपपत्र दाखिल करते समय संबंधित सीडी और मजमून नहीं पेश करने के कारण का कोई जिक्र नहीं है.
राजा ने सीबीआई का आवेदन निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि एजेंसी ने कबूल किया है कि कथित इंटरसेप्शन उसकी ओर से नहीं किया गया है लेकिन आवेदन सीडी तैयार करने का या उसे सुपुर्द करने का या उसके सुरक्षित संरक्षण का समय निर्धारित नहीं करता.
पूर्व दूरसंचार मंत्री ने यह भी कहा कि सीबीआई अपने आवेदन में 20 मई 2010 का आयकर विभाग का एक पत्र रेकॉर्ड पर पेश करना चाहती थी लेकिन एजेंसी ने उसे दाखिल नहीं किया.