नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में मिलावटी दूध की बिक्री पर चिंता जताते हुए आज कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इस पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों की ओर से कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है.
न्यायमूर्ति के. एस. राधाकृष्णन और पिनाकी चंद्र घोष ने पूछा, ‘‘यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है. इसमें कोई संदेह नहीं कि ऐसा पूरे देश में हो रहा है. सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?’’
पीठ ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली की सरकारों को निर्देश दिया कि वे अपना जवाब दाखिल कर बतायें कि वे मिलावटी दूध पर रोक लगाने के लिए क्या कार्रवाई कर रहे हैं क्योंकि केंद्र ने कहा है कि इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर है.
न्यायालय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर जनहित याचिका के दायरे को विस्तारित करके उसमें देश के अन्य राज्यों को शामिल करेगा. पीठ ने मामले की अगली सुनवायी की तिथि 31 जुलाई तय की और स्पष्ट किया कि राज्यों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा.