नयी दिल्ली : पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक पर हुए विस्फोट के करीब 18 महीने बाद नौसेना प्रमुख आर. के. धवन ने आज संकेत दिए कि दुर्घटना के लिए अन्य कारकों के साथ ही मानवीय गलती भी जिम्मेदार हो सकती है. विस्फोट में 18 नौसैनिक मारे गए थे. नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पनडुब्बी खतरनाक प्लेटफॉर्म है क्योंकि यहां विस्फोटक, ईंधन और काफी उपकरण होते हैं.
उन्होंने कहा, इस उपकरण में जब प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता तो गलती की गुंजाइश रहती है. जब भी गलती की गुंजाइश रहती है तो दुर्घटनाएं होती हैं. इसलिए यह एक ऐसी स्थिति है जहां किसी विशेष गतिविधि में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. पनडुब्बी में 14 अगस्त 2013 को दुर्घटना हुई थी. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते संसद में लिखित जवाब में कहा कि मामले में बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी (बीओआई) की जांच अभी पूरी नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि बीओआई की रिपोर्ट अब भी नौसेना मुख्यालय में है. रक्षा मंत्री ने संसद में बताया था कि एक अन्य पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न में आग लगने की घटना की जांच में नौसेना के सात अधिकारियों को दोषी पाया गया. आग के कारण नौसेना के दो कर्मियों की मौत हो गयी थी और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. दोषी को इस्तीफा देना पडा था. सिंधुरक्षक के बारे में धवन ने कहा, बीओआई मूल्यांकन की प्रक्रिया में है.
मैं आपके साथ केवल इतना साझा कर सकता हूं कि जब आप पनडुब्बी पर उपकरण, हथियार को संचालित कर रहे हों तो प्रक्रियाओं के पहलू हैं जिनका पालन किए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि नौसेना उन्नत प्रौद्योगिकी वाली सेवा है जहां हर पहलू के लिए मानक संचालन एवं सुरक्षा प्रक्रियाएं निर्धारित हैं. नौसेना प्रमुख धवन ने कहा, अगर आपातकाल में जिस तरीके से निपटा जाना चाहिए वैसे नहीं निपटा जाता है तो इससे विकट स्थिति आ सकती है.
यह पूछने पर कि क्या मानवीय भूल से दुर्घटना हुई तो धवन ने कहा यह काफी गंभीर दुर्घटना थी क्योंकि किसी पनडुब्बी में सामान्य तौर पर विस्फोट की उम्मीद नहीं की जाती है. धवन ने कहा कि बीओआई सभी पहलुओं पर गौर कर रहा है. उन्होंने कहा, यह केवल एक कारण नहीं है क्योंकि कई मुद्दे हैं जिस कारण दुर्घटना हुई. यह प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने का पहलू हो सकता है.
उस वक्त क्या था, क्या गतिविधि हुई, किस चीज से शुरुआत हुई, किस चीज से यह हादसा गंभीर हुआ और किस हद तक कोई काम सही से नहीं हुआ. उन्होंने कहा, सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है और इसी कारण इस जांच में काफी वक्त लग रहा है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि दुर्घटना के बाद उपचारात्मक कदम उठाए गए हैं.
सभी पनडुब्बियों एवं पोतों को रख-रखाव, हथियार आदि के बारे में प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए कहा गया है. डूबी हुई पनडुब्बी को इस वर्ष की शुरुआत में निकाला गया और नौसेना के सूत्रों ने कहा कि इसके भविष्य को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है.