मदुरै: भारतीय वायुसेना के पायलट प्रवीण ने अपनी मां से वादा किया था कि वह बाढ़ पीड़ित उत्तराखंड में दिनभर के राहत अभियान के बाद उन्हें फोन करेगा. मां से बेटे की यह आखिरी बातचीत थी और उत्तराखंड में हेलिकाप्टर हादसे में 20 लोगों के साथ मारे गए प्रवीण का यह वादा पूरा नहीं हो सका.
मंदिरों के शहर मदुरै के निवासी 27 वर्षीय प्रवीण ने कल सुबह फोन पर अपनी मां मंजुला से बातचीत की थी. भारतीय वायुसेना के पायलट ने अपनी मां को बताया था कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के दिनभर के अभियान के बाद वह उन्हें फोन करेगा.
मंजुला ने रुंधे गले से बताया, ‘‘ वह मेरा इकलौता बेटा था. वह हमेशा काम में लगा रहता था. पायलट बनना उसका सपना था और साफ्टवेयर कंपनी टीसीएस में कुछ समय काम करने के बाद वह भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया.’’ बहते आंसुओं को आंचल में समेटने की कोशिश में लगी मंजुला ने बताया, ‘‘ उसने कल सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर मुझसे बात की और कहा कि वह शाम को फिर मुझे फोन करेगा. लेकिन हमें केवल एक ही फोन आया जिसमें बताया गया कि गौरीकुंड में हेलिकाप्टर हादसे में प्रवीण और अन्य लोग मारे गए हैं.’’
प्रवीण का परिवार उसके लिए दुल्हन ढूंढ रहा था लेकिन नियति के मन में कुछ और ही था. एमआई 17 वी 5 हेलिकाप्टर गौचर से गुप्तकाशी और केदारनाथ में बचाव अभियान पर था कि उसी दौरान कल यह गौरीकुंड के उत्तर में हादसे का शिकार हो गया.यहां टीवीएस नगर में प्रवीण के घर पर मातम पसरा है. रिश्तेदार और दोस्त परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं.प्रवीण ने यहां त्यागराज कालेज आफ इंजीनियरिंग से बीई ( मैक्ट्रोनिक्स ) किया था और बेंगलूर में भारतीय वायुसेना में बतौर पायलट नौकरी शुरु की थी.