नयी दिल्ली: बिहार विधानसभा में आज कांग्रेस द्वारा जदयू को समर्थन दिए जाने से 2जी घोटाले पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बहुप्रतीक्षित और अगले हफ्ते होने जा रही बैठक में एक नया आयाम जुड़ गया है.
अगले हफ्ते होने वाली जेपीसी की बैठक में उस विवादित मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने पर चर्चा होगी जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को क्लीन चिट दी गयी है.
जेपीसी के कुल 30 सदस्यों में दो जदयू के हैं. ऐसे में जदयू भाजपा से नाता तोड़ने के बाद अब संख्याबल के खेल में कांग्रेस के पक्ष में रुख मोड़ सकती है. इससे पहले, राजग के घटक दल के तौर पर जदयू ने मसौदा रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
बिहार विधानसभा में आज विश्वासमत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को कांग्रेस के चार विधायकों ने अपना समर्थन दिया. अपने विधायकों द्वारा नीतीश को समर्थन दिए जाने के मद्देनजर अब कांग्रेस जदयू को जेपीसी की बैठक में अपना पक्ष लेने के लिए राजी कर सकती है.
भाजपा, जदयू और संप्रग के पूर्व घटक दल द्रमुक एवं तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के 15 सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको पर यकीन नहीं है. इन दलों ने उन्हें तत्काल पद से हटाने की भी मांग की थी.