नयी दिल्ली: विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने पर बिजली की दरों में 30 प्रतिशत की कमी के भाजपा के वादे के बीच, दिल्ली सरकार ने आज सवाल किया कि इस पार्टी ने अपने शासन वाले गुजरात जैसे राज्यों में “दर कटौती फार्मूला” लागू क्यों नहीं किया है.
दिल्ली भाजपा पर “राजनीतिक लाभ” के लिए शहर में बिजली दर के मुद्दे में लोगों को “गुमराह” करने का आरोप लगाते हुए शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली में बिजली की दरें भाजपा शासित राज्यों से “सस्ती” हैं और 24 घंटे बिजली आपूर्ति के कारण बिल ज्यादा आ रहे हैं.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने घोषणा की थी कि दिल्ली में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो बिजली की दरों में 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी. लवली ने कहा, “वह (गोयल) वोट हासिल करने के लिए इस (दर कम करने के) बारे में बात कर रहे हैं. अगर उनके पास दरों में 30 प्रतिशत की कटौती का फार्मूला सच में है तो उन्हें इसे पहले अपनी पार्टी के मुख्यमंत्रियों को देना चाहिए. उन्हें इसे गुजरात में नरेंद्र मोदी को देना चाहिए जहां दिल्ली से महंगी बिजली है. उन्हें फार्मूला छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देना चाहिए.” वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता द्वारा दिल्ली सरकार के साथ फार्मूला साझा करने से इंकार करना दिखाता है कि वह झूठे वादे कर रहे हैं.
लवली ने कहा, “मैंने सदन में भाजपा से पूछा था कि अगर उनके पास इस तरह का कोई फार्मूला है तो कृपया हमारे साथ इसे साझा करें. हम इसे लागू करने का प्रयास करेंगे. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.”