नयी दिल्ली: आज दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर भारत में ब्रिटिश दूतावास ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता का नाम ‘डिप्टी हाई कमिश्नर फॉर ए डे चैलेंज’ था. इस प्रतियोगिता में कई युवतियों ने भाग लिया जिनमें से बेंगलुरू की रहने वाली अंबिका को एक दिन के ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर बनने का मौका मिला.
बेंगलुरू की डिप्टी हाई कमिश्नर बनीं अंबिका
अंबिका ने ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर जेरेमी पीलमोर बेडफोर्ड से इस पद का चार्ज लिया. अपना अनुभव साझा करते हुए पत्रकारिता की छात्रा अंबिका ने बताया कि मैंने डिप्टी हाईकमिश्नर के तौर मीटिंग्स में हिस्सा लिया. सरकारी अधिकारियों और विभिन्न कंपनियों के स्टेकहोल्डर्स के साथ मुलाकात की. अंबिका ने बताया कि पूरा दिन पहले से प्लान्ड था कि कब क्या करना है. उन्होंने बताया कि पूरा दिन उत्साह और व्यस्तता से भरा हुआ था.
Karnataka: Ambalika Bannerjee,journalism student became British Dy High Commissioner,Bengaluru for a day after she won 'Deputy High Commissioner for a Day' challenge,says,It was power-packed day,got to meet employees of High Commission,we had all things planned from start'(11.10) pic.twitter.com/HsInsPlEkh
— ANI (@ANI) October 11, 2019
अंबिका ने बताया जिंदगी का सबसे खास दिन
अंबिका ने बताया कि उन्होंंने इस दौरान बेंगलुरू में सामाजिक कार्यों में, विशेषकर लिंग समानता के अधिकारों से जुड़े आंदोलन में मुखर रहीं विद्या लक्ष्मी से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि वो उप उच्चायुक्त के तौर पर टिस्को भी गयीं और जाना कि वहां कैसे काम होता है. अंबिका ने बताया कि उनके लिए अब ये केवल एक दिन का अनुभव भर नहीं रहा बल्कि उन्होंने सीखा कि वास्तविकता में इस पद तक पहुंचने के लिए क्या किया जाना चाहिए.
महिला अधिकारों के लिए प्रतियोगिता आयोजित
वहीं ब्रिटिश उप उच्चायुक्त जेरेमी पीलमोर बेडफोर्ड ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य ये महिलाओं और उनके अधिकारों को लेकर वैश्विक स्तर पर ब्रिटिश सहयोग को प्रदर्शित करना था. उन्होंने बताया कि ब्रिटिश उच्चायोग ने भारत में दूसरी बार इस प्रतियोगिता का आयोजन करवाया है. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन हमेशा से महिला अधिकारों का पक्षधर रहा है. इसलिए वहां की संसद में अधिकांश मंत्रीपद पर महिलाएं काबिज हैं. अन्य क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागादीर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
गोरखपुर की आयशा खान बनीं हाई कमिश्नर
इसी प्रतियोगिता को जीत कर 22 साल की आयशा खान को एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनाया गया था. उन्होंने 04 अक्टूबर को ब्रिटिश हाई कमिश्नर के तौर पर अपनी सेवा दी. यूपी के गोरखपुर की रहने वाली आयशा खान ने बताया कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ये अवसर मिला. मैंने अलग-अलग लोगों से मुलाकात की और काफी कुछ सीखा. आयशा ने बताया कि वो जमीनी स्तर पर मानवाधिकार और लैंगिक समानता के मुद्दे पर काम करना चाहती हैं.
22-yr-old Ayesha Khan,from UP's Gorakhpur became British High Commissioner for a day on Oct4 after she won 'High Commissioner for a Day'challenge,says,"I was lucky to get such an opportunity.I met a diverse group of people.I want to do ground work in human rights&gender equality" pic.twitter.com/oJk30IBZAE
— ANI (@ANI) October 11, 2019