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पटना : अकबर के नौ रत्न में शामिल टोडरमल की डायरी का होगा अनुवाद
शशिभूषण कुंवर पटना : बिहार अभिलेखागार में संगृहीत अकबर के नौ रत्न में शामिल टोडरमल की डायरी का अनुवाद कराने की पहल की गयी है. टोडरमल की डायरी पारसी भाषा में लिखी गयी है. यह मुगलकालीन महत्वपूर्ण दस्तावेज है. टोडरमल ने मुगलकाल में उत्कृष्ट राजस्व प्रणाली आरंभ की थी. इस दस्तावेज के अनुवाद होने से […]
शशिभूषण कुंवर
पटना : बिहार अभिलेखागार में संगृहीत अकबर के नौ रत्न में शामिल टोडरमल की डायरी का अनुवाद कराने की पहल की गयी है. टोडरमल की डायरी पारसी भाषा में लिखी गयी है. यह मुगलकालीन महत्वपूर्ण दस्तावेज है. टोडरमल ने मुगलकाल में उत्कृष्ट राजस्व प्रणाली आरंभ की थी. इस दस्तावेज के अनुवाद होने से उस समय के राजस्व व वित्त प्रशासन की महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. इसके अनुवाद के लिए दिल्ली अभिलेखागार के विशेषज्ञ जाकिर हुसैन को बुलाया गया है.
सभी राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों को सजाने की तैयारी
अभिलेखागार द्वारा राज्य के 1937 से अब तक के सभी राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों की तस्वीर को भी सजाने की दिशा में पहल की जा रही है. साथ ही यहां से छप चुकी आधे दर्जन पुस्तकों के विमोचन कराने की तैयारी है. यहां के दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन का काम भी जल्द आरंभ होगा, जिससे किसी भी देश में बैठे शोधकर्ता या पाठक इसका उपयोग कर सकेंगे.
1770 से 1965 तक विभिन्न विभागों के अभिलेख संगृहीत : बिहार अभिलेखागार में 1770 से लेकर 1965 तक विभिन्न विभागों के अभिलेख संगृहीत किये गये हैं. यहां मुगलकालीन सनद, फरमान, परवान तथा रिपोर्ट है.
अभिलेखागार से 40 देशों के उच्चायोग संपर्क में हैं. विदेशों में रहने वाले बिहारी उच्चायोग से अपने रूट की जानकारी लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अभिलेखागार के निदेशक डाॅ महेंद्र पाल ने बताया कि जल्द ही इस तरह की व्यवस्था की जायेगी, जिससे बिहार से प्रवास करने वाले लोगों के बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध करायी जा सके.
विकसित होगा अभिलेखागार
अभिलेखागार में विदेशी शोधकर्ताओं के लिए कंप्यूटर के साथ वाइ-फाइ जोन बनाया जा रहा है, जिससे उनको शोध करने में आसानी होगी. दस्तावेजों के संरक्षण के साथ ही आर्ट गैलरी की स्थापना की जा रही है.
साथ ही इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. समय-समय पर अभिलेखागार द्वारा विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है.
अभी यहां पर जयप्रकाश आंदोलन नामक पुस्तक, अभिलेख बिहार 2017 का आठवां वॉल्यूम, बसावन सिंह का पार्लियामेंट्री डिबेट, तीन वॉल्यूम में प्रिटेड किसान आंदोलन नामक पुस्तक का विमोचन किया जाना है. डाॅ पाल ने बताया कि इन छपी हुई पुस्तकों का नये भवन के उद्घाटन के साथ ही विमोचन भी कराया जायेगा.
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