झाबुआ/मप्र : पश्चिम मध्यप्रदेश की आदिवासी बहुल, आरक्षित रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला है. यहां इंजीनियर से राजनीतिज्ञ बने भाजपा के विधायक गुमानसिंह डामोर, पांच दफा के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को चुनौती दे रहे हैं.
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आदिवासी बहुल सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री को विधायक की चुनौती
झाबुआ/मप्र : पश्चिम मध्यप्रदेश की आदिवासी बहुल, आरक्षित रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला है. यहां इंजीनियर से राजनीतिज्ञ बने भाजपा के विधायक गुमानसिंह डामोर, पांच दफा के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को चुनौती दे रहे हैं. लोक स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त होने के बाद राजनीति […]
लोक स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त होने के बाद राजनीति में आये डामोर नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में झाबुआ विधानसभा सीट पर, कांग्रेस के सांसद कांतिलाल भूरिया के पुत्र डॉ विक्रांत भूरिया को 10,400 से अधिक मतों से परास्त कर चुके हैं.
पांच माह बाद ही डामोर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मौजूदा सांसद कांतिलाल भूरिया को चुनौती दे रहे हैं. सीनियर भूरिया इस क्षेत्र से 1998 से सांसद है और केवल एक दफा 2014 में (मोदी लहर) में भाजपा उम्मीदवार दिलीप सिंह भूरिया से पराजित हुए थे. दिलीप सिंह भूरिया पहले कांग्रेस में थे लेकिन बाद में आदिवासी मुख्यमंत्री के मुद्दे पर मतभेद के चलते कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गये थे.
गोधरा-मक्सी और इंदौर-दाहोद रेल लाइन परियोजना के लंबित होने तथा सड़कों की खराब हालत को लेकर दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. यहां पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रियंका गांधी चुनावी सभा कर चुके हैं.
मंत्री होने के बावजूद भूरिया ने कुछ नहीं किया : डामोर
विधायक गुमानसिंह डामोर ने बताया कि 20 साल से अधिक समय तक सांसद रहने और पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद भूरिया क्षेत्र के लिये कुछ नहीं कर पाये. लोग मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं इसलिए भूरिया की पराजय निश्चित है. विस चुनावों में 15 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया चुनाव हार गये थे.
2015 (उपचुनाव) : जीते थे कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया
दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद इस सीट पर 2015 में हुए उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया विजयी हुए थे. कांतिलाल भूरिया ने दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री और भाजपा उम्मीदवार निर्मला भूरिया को 88,000 से अधिक मतों से पराजित किया था. राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगी पश्चिम मध्यप्रदेश की आदिवासी बहुल इस सीट पर 19 मई को मतदान होना है.
चुनाव परिणाम 2014
दिलीप सिंह भूरिया, भाजपा (545,980)
32%
कांतीलाल भूरिया, कांग्रेस(437,523)
25%
नोटा(30,364 )
01%
महिला मतदाता841,625
पुरुष मतदाता860,924
कुल मतदाता1,702,576
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