नयी दिल्ली: सीबीआई ने आंग्ल-इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद में रिश्वत के आरोपों के संबंध में आज गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व निदेशक एवं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन का गवाह के तौर पर बयान दर्ज किया.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों के एक दल ने हैदराबाद स्थित राजभवन में नरसिम्हन का बयान दर्ज किया. इस दौरान नरसिम्हन से हेलीकॉप्टरों के सेवा मानकों में बदलाव से संबंधित सवाल किये गए.
सूत्रों ने कहा कि नरसिम्हन के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन और तत्कालीन एसपीजी प्रमुख बी वी वांचू एक मार्च 2005 की उस बैठक में शामिल हुए थे जिसमें हेलीकाप्टर के सेवा मानकों (अधिकतम उंचाई जिस पर हेलीकाप्टर उडान भर सकता है) में कमी करने का फैसला किया गया था. इस फैसले से अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के लिए योग्य बनी थी.
हाल में सीबीआई के एक दल ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 3600 करोड रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में 360 करोड रुपये रिश्वत के आरोप की अपनी जांच के तहत नारायणन और वांचू से गवाह के तौर पर पूछताछ की थी.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वांचू और नारायणन के बयान दर्ज करने की जरुरत इसलिए महसूस हुई क्योंकि दोनों ने 2005 में हुई बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें हेलीकाप्टर के तकनीकी विनिर्देशों में परिवर्तन की इजाजत दी गई थी.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में नरसिम्हन भी मौजूद थे तथा हेलीकाप्टरों की उडान की उंचाई घटाने के कारणों के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए उनका बयान महत्वपूर्ण था.सीबीआई का कहना है कि हेलीकाप्टर की उडान की उंचाई सीमा घटाने से ब्रिटेन की कंपनी बोली लगाने के काबिल हो गई.सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी के साथ ही 13 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें त्यागी के रिश्तेदार और यूरोपीय बिचौलिये शामिल हैं.
आरोप लगाया गया कि पूर्व वायुसेना प्रमुख ने हेलीकाप्टरों की उडान की उंचाई की सीमा इसलिए कम कर दी ताकि अगस्तावेस्टलैंड बोली में शामिल हो सके. त्यागी ने अपने खिलाफ आरोपों का खंडन किया है.