पुणे: गांव की नवचयनित उपसरपंच को उसका यह पद एक घरेलू ‘मक्खी’ ने दिलाया है क्योंकि जिले में हुए ग्राम पंचायत चुनावों का फैसला करने के दौरान वह तीन में से उस एक पर्ची पर जा बैठी, जिसमें इस महिला का नाम लिखा था. बाकी दो पर्चियों में दो अन्य उम्मीदवारों के नाम थे.
हालांकि जिला कलक्टरी ने इस तरह के फैसले को ‘अमान्य’ बताया है. आमतौर पर जिस मक्खी को फौरन उडा दिया जाता है, पिछले सप्ताहांत पर खेड तालुका के सतकर्षताल गांव के इस पद पर नियुक्ति का फैसला करने के लिए इसी मक्खी के तीन में से किसी एक पर्ची पर बैठ जाने का 15 मिनट तक इंतजार किया गया। इन पर्चियों में से दो पर्चियां महिला उम्मीदवारों के नाम की और एक पर्ची पुरुष उम्मीदवार के नाम की थी.
चार बार पंचायत के सदस्य रह चुके अजय चव्हाण ने कहा कि इसके बाद नौ सदस्यीय पंचायत समिति ने विजेता संजीवनी थिंगले को एकमत से उपसरपंच घोषित कर दिया क्योंकि बाकी दोनों उम्मीदवारों ने गांव के भैरवनाथ मंदिर में दिए गए इस ‘मक्खी’ फैसले के बाद उनके नाम का समर्थन कर दिया था.