नयी दिल्ली : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में टाटा स्टील की परियोजना के लिए अधिग्रहित की गयी जमीन 1,700 से अधिक जनजातीय किसानों को वापस की जायेगी. हालांकि, यह परियोजना पहले ही छोड़ दी गयी है. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं. टाटा स्टील की परियोजना के लिये 1,700 हेक्टेयर से अधिक जमीन अधिग्रहित की गयी थी. हालांकि, परियोजना बंद पड़ी हुई है.
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा कि मंत्रिमंडल की एक बैठक जल्दी ही बुलायी जायेगी, जिसमें आधिकारिक तौर पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव से पहले पिछले महीने वादा किया था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में वापस आयी, तो परियोजना के लिए ली गयी जमीनें किसानों को वापस कर दी जायेंगी. अधिकारी ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के 10 गांवों के 1,707 आदिवासी किसानों की कुल 1,764.61 हेक्टेयर जमीनें इस्पात परियोजना के लिए अधिग्रहित की गयी थीं. यह परियोजना लोहनदिगुडा क्षेत्र में बनायी जानी थी.
हालांकि, बताया जा रहा है कि कंपनी ने स्थानीय लोगों के विरोध तथा कानून एवं व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुए 2016 में परियोजना को छोड़ने का फैसला किया था. अधिग्रहित जमीन अभी किसानों को वापस नहीं की गयी थी. अधिकारी ने कहा कि यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे लोगों का सरकार में भरोसा दोबारा स्थापित करने में मदद मिलेगी, जो राज्य में नक्सल मुद्दों को दूर करने के लिए आवश्यक है.