नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने और फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए कानून बनाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि किसानों की इस मांग के साथ विपक्ष के सभी दल एकजुट हैं.
गांधी ने शुक्रवार को किसान आंदोलन के तहत आयोजित संसद मार्च में किसान सभा को संबोधित करते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने कहा था कि सही दाम दिलायेंगे, बोनस मिलेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ायेंगे. लेकिन, आज हालत यह है कि किसान को ना तो फसल का सही दाम मिल रहा है और ना ही कर्ज माफ हो रहा है. उन्होंने सभा में मौजूद अन्य दलों के नेताओं का जिक्र करते हुए कहा, हमारी विचारधारा अलग हो सकती है, मगर किसान और युवाओं के भविष्य के लिए हम सब एक हैं. मोदीजी और भाजपा से हम कहना चाहते हैं कि अगर हमें कानून बदलना पड़े, मुख्यमंत्री बदलना पड़े या प्रधानमंत्री बदलना पड़े, हम किसान का भविष्य बनाने के लिए एक इंच भी पीछे नहीं हटनेवाले हैं.
गांधी ने कर्ज माफी की मांग को जायज बताते हुए कहा, किसान, मोदीजी से अनिल अंबानी का हवाई जहाज नहीं मांग रहा है, किसान सिर्फ यह कह रहा है कि अगर आप अनिल अंबानी को हिंदुस्तान की एयरफोर्स का 30,000 करोड़ रुपया दे सकते हैं, अगर आप अपने 15 मित्रों को 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये दे सकते हैं, तो हमारी मेहनत के लिए, हमारे खून के लिए, हमारे पसीने के लिए, आपको हमारा कर्जा माफ करके देना ही पड़ेगा. उन्होंने किसान के भविष्य और युवाओं के लिए रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा, पिछले साढ़े चार साल में नरेंद्र मोदीजी की सरकार ने हिंदुस्तान के 15 सबसे अमीर लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया है. अब साढ़े बारह लाख करोड़ रुपये जिसे नरेंद्र मोदीजी, अरुण जेटली जी एनपीए कहते हैं, आने वाले समय में वो कर्जा माफ करना चाहते हैं।.
गांधी ने किसानों की कर्ज माफी का भरोसा दिलाते हुए कहा, अगर 15 लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये कर्जा माफ किया जा सकता है, तो हिंदुस्तान के करोड़ों किसानों का भी कर्जा माफ किया जायेगा. कानून बनाकर किसानों की समस्या का स्थायी समाधान निकाले जाने की मांग का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, कानून बनाना हो, जो भी करना हो, आप हमें बताइये, जो भी आप कहेंगे, हम आपके साथ खड़े होकर दिखायेगे. किसान सभा में राकांपा के शरद पवार, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, माकपा के सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, नेशनल कांफ्रेस के फारुख अब्दुल्ला, भाकपा नेता डी राजा, सपा के धर्मेंद्र यादव, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव सहित अन्य दलों के नेता भी मौजूद थे.