नयी दिल्ली:दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर एक शिकायत पर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल पर मानहानि के आरोपों में मुकदमा चलाने का निर्णय किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने कहा, ‘मौजूद समस्त साक्ष्यों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद मेरे विचार से आरोपी (केजरीवाल) के खिलाफ आइपीसी की धारा 499-500 (मानहानि) के तहत प्रथमदृष्टया मामला साबित होने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.’
अदालत ने सीआरपीसी की धारा 251 के तहत केजरीवाल के खिलाफ नोटिस तैयार किया.गडकरी के साथ सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की मजिस्ट्रेट की सलाह पर ध्यान देने से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इनकार के बाद अदालत ने आरोप तय किये. अदालत ने गडकरी और उनके गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए दो अगस्त की तारीख तय की है. अदालत ने कहा, ‘आइपीसी की धारा 500 के तहत अपराध सुलह के योग्य है, इसलिए फरियादी (गडकरी) से पूछा गया है कि क्या वह मामले में सुलह चाहते हैं. हालांकि, प्रयासों के बावजूद दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं कराया जा सका.’
अदालत ने नोटिस तैयार किया, जिसके बाद केजरीवाल ने अपराध कबूल नहीं किया और मुकदमा चलाने को कहा. अदालत ने कहा, ‘तदानुरुप कथित अपराध के लिए आरोपी (केजरीवाल) के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 251 के तहत अलग से नोटिस तैयार किया गया, जिस पर आरोपी ने दोष कबूल नहीं किया और मुकदमे पर सहमति जतायी.’ हालांकि, अदालत ने केजरीवाल की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने अगले आदेश तक निजी तौर पर पेश होने से छूट मांगी थी. केजरीवाल ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम के कारण उनके खिलाफ अनेक मामले दर्ज किये गये हैं और उनका काफी समय ऐसे मामलों में पेश होने और अपना बचाव करने में जाया हो रहा है.’ गडकरी के वकील ने केजरीवाल की इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि निजी तौर पर पेश होने से छूट नहीं दी जानी चाहिए और दुर्लभ परिस्थितियों में ही इसकी इजाजत दी जानी चाहिए.