पुणे: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि रक्षा व सार्वजनिक क्षेत्र की उन परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी जो कि हरित मंजूरी नहीं मिलने के कारण अटकी हुई हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार विकास तथा पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन साधने की कोशिश करेगी. जावडेकर ने कहा कि रक्षा क्षेत्र, हवाई अड्डों व सीमा सडक से जुडी अनेक प्रस्तावित परियोजनाएं पर्यावरण व मंजूरी के अभाव में कागजों से आगे नहीं बढ पाई हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, सरकार रक्षा व सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी देने को शीर्ष प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा, विकास तथा पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा के बीच किसी तरह का अंतर्विरोध नहीं है. जावडेकर ने इससे पहले कहा था कि सरकार पर्यावरण एवं विकास में विश्वास रखती है न न कि पर्यावरण बनाम विकास में। हालांकि सभी लंबित परियोजनाओं को हरित मंजूरी शायद शीघ्र संभव न हो पर्यावरण मंत्रालय ने माना जाता है कि 20 प्रस्तावांे को चुना है जिन्हें इसी महीने मंजूरी दी जा सकती है.
जावडेकर ने एक सवाल पर कहा कि उनकी सरकार निजी क्षेत्र की किसी कंपनी विशेष की परियोजना को पर्यावारणी स्वीकृति के मामले को विशेष प्राथमिकता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को मंजूरी के विषय में पूरी पारदर्शिता से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में शीघ्र निर्णय जरुर करना चाहती है पर पर्यावरण संरक्षण और जांच परख में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
इस मंत्रालय ने 20 मई से आनलाइन आवेदन की सुविधा शुरु की है. जावडेकर द्वारा शुरु की गयी इस प्रणाली से व्यवस्था में पारदर्शिता आने की उम्मीद है. मंत्रालय इस माह वन संबंधी स्वीकृतियों के लिए इसी माह एक और आन लाइन प्रणाली शुरु कर सकती है.