नयी दिल्ली : काले धन तथा विदेशों में भारतीयों द्वारा जमा कराए गए बेहिसाबी धन की विशेष जांच के मुद्दे पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) की बैठक कल होने जा रही है. बैठक की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम बी शाह करेंगे. बैठक में एसआइटी के वाइस चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत तथा 11 उच्चस्तरीय एजेंसियों व विभागों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में काले धन से निपटने की नीति, मौजूदा जांच की स्थिति तथा सभी विभागों के पास इस बारे में उपलब्ध ब्योरे पर विचार विमर्श किया जाएगा. बैठक में भाग लेने वाले सभी विभागों से उनके द्वारा की जा रही जांच की स्थिति रिपोर्ट से एसआइटी के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को अवगत कराने को कहा गया है.
वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा जारी एसआइटी के नियम व शर्तों के अनुसार यह उच्चस्तरीय टीम भारतीयों द्वारा विदेशी बैंकों में रखे गए कालेधन की जांच करेगी. साथ ही जांच के दौरान भारत में परिचालन कर रही किसी इकाई द्वारा विदेशों में बेहिसाबी धन रखने का कोई मामला सामने आता है, तो यह उसकी भी जांच करेगी.
सरकार ने एसआइटी को 27 मई को अधिसूचित किया था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह सरकार को एक उच्चस्तरीय दल के गठन के लिए एक सप्ताह का समय दिया था. इसमें देश की प्रमुख जांच, प्रवर्तन व खुफिया एजेंसियों के शीर्ष प्रमुख शामिल हैं.
एसआइटी में जो अधिकारी शामिल हैं वे राजस्व विभाग के सचिव, रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, सीबीआई के निदेशक, सीबीडीटी के चेयरमैन और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक हैं.
इसके अलावा राजस्व खुफिया निदेशालय के महानिदेशक, वित्तीय खुफिया इकाई के निदेशक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के सचिव, वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव (विदेशी कर और कर अनुसंधान) इसके अन्य सदस्य हैं. एसआइटी हसन अली तथा काशीनाथ तापुरिया के बेहिसाबी धन से संबंधित सभी मुद्दों की भी जांच करेगा. खान पुणे के घोडों के कारोबारी हैं जिसे मनी लांड्रिंग मामले और कर चोरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था. तापुरिया हसन का सहयोगी है.