नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह 18 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करायें गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप संसद के आगामी मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने में सहयोग करें.’
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में कांग्रेस ने देश भर में 32 लाख हस्ताक्षर कराये हैं. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने महिलाओं की सुरक्षा और उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराये. इधर संसद के बुधवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलायी है जिसमें वह सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा करेंगी. बैठक के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए रात्रि भोज भी रखा गया है.
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, स्पीकर सत्र के सुचारू रूप से चलने और लंबित विधेयकों को पारित कराने के लिए दलों का सहयोगी मांगेंगी. प्रधानमंत्री के रात्रिभोज में शामिल होने की उम्मीद है, हालांकि वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. यह बैठक संसद पुस्तकालय भवन में होगी. इससे पहले, सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं की एक अन्य बैठक होगी. वहीं, विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान अपनी रणनीति तैयार करने के लिए आज एक बैठक बुलायी है ताकि विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त एजेंडा बनाया जा सके. इसमें राज्यसभा के उपसभापति के संयुक्त उम्मीदवार का विषय भी शामिल है. कांग्रेस एवं अन्य दलों के नेता शाम को संसद भवन में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कार्यालय में बैठक करेंगे. दूसरी ओर, भाजपा की संसदीय कार्यकारी समिति की बैठक कल निर्धारित की गयी है.
मानसून सत्र में हंगामे की आशंकाओं के बीच सरकार ने विपक्षी दलों से तीन तलाक विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक, बलात्कार के दोषियों को सख्त दंड के प्रावधान वाले विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सहयोग मांगा है. वहीं, विपक्ष जम्मू कश्मीर की स्थिति, पीडीपी-भाजपा सरकार के गिरने एवं आतंकवाद जैसे मुद्दे उठा सकता है. किसान, दलित उत्पीड़न, राम मंदिर, डालर के मुकाबले रूपये के दर में गिरावट, पेट्रो पदार्थों की कीमतों में वृद्धि जैसे मसलों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा.