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वेबसाइट-एप्स डिजाइन करें और खूब पैसे कमायें
टेक एरा : सर्विस या प्रोडक्ट को अधिक लोगों तक पहुंचाना हुआ आसान जमाना हर रोज बदलती तकनीक का है. इसमें कोई न कोई बदलाव रोज हो रहे हैं. इसी तकनीक के दम पर युवा भी कुछ न कुछ करते रहते हैं. पहले युवाओं ने जहां खुद का ब्लॉग बनाना शुरू किया. अब इससे एक […]
टेक एरा : सर्विस या प्रोडक्ट को अधिक लोगों तक पहुंचाना हुआ आसान
जमाना हर रोज बदलती तकनीक का है. इसमें कोई न कोई बदलाव रोज हो रहे हैं. इसी तकनीक के दम पर युवा भी कुछ न कुछ करते रहते हैं.
पहले युवाओं ने जहां खुद का ब्लॉग बनाना शुरू किया. अब इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए वेबसाइट और एप की डिजाइनिंग कर रहे हैं. आज के दौर में वेबसाइट न केवल युवाओं के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो खुद को, अपने सर्विसेस या प्रोडक्ट को मार्केट में एक साथ अधिकतम लोगों के बीच लाना चाहते हों. वेबसाइट की दुनिया के बारे जानकारी देती लाइफ @ रांची की यह विशेष रिपोर्ट.
वेबसाइट के बारे में जानिए
साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार बताते हैं कि वेबसाइट एक ऐसा सेंट्रल लोकेशन हैं, जहां पर किसी व्यक्ति या कंपनी या किसी भी चीज की सारी डिटेल्स रख सकते हैं.
साथ ही इसके वेबसाइट एड्रेस या जिसे यूआरएल कहा जाता है, के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से देखा जा सकता है.आज किसी भी ऑफिस, बिजनेस या सर्विस के लिए वेबसाइट एक बेसिक चीज मानी जाती है. मतलब वेबसाइट आपके पास होनी ही चाहिए. अपनी सर्विसेस या प्रोडक्ट के बारे में किसी कस्टमर को समझाने से बेहतर है कि आप उसे अपना यूआरएल दे दें. कस्टमर अापकी वेबसाइट से सारी जानकारी ले सकेंगे.
वेबसाइट की जरूरत समझें
किसी को भी वेबसाइट बनाने से पहले इस बात को समझना बहुत जरूरी है कि वेबसाइट क्यों बना रहे हैं? इस वेबसाइट में आप किस तरह की जानकारी साझा करना चाहते हैं. आम बोलचाल की भाषा में वेबसाइट तीन तरह की होती हैं.
इतना करना पड़ेगा खर्च
एक्सपर्ट के अनुसार स्टैटिक वेबसाइट बनाने में आने वाला खर्च चार से पांच हजार रुपये ही होता है. कई ऐसी वेबसाइट्स हैं, जिनकी मदद से आप फ्री में भी अपनी सामान्य जरूरत की वेबसाइट बना सकते हैं.
जबकि डाइनेमिक वेबसाइट और डेटा एनालिटिक वेबसाइट में आने वाला खर्च पूर्णत: वेबसाइट के डिटेल और फंक्शन पर निर्भर करता है. फिर भी आरंभिक बजट आठ से 10 हजार रुपये का होता है. दोनों तरीके की वेबसाइट को लाइव करने के लिए वेब एड्रेस या यूआरएल की जरूरत होती है. इसे एक साल, दो साल, पांच साल या 10 साल पर रिन्यू करना होता है.
इन वेबसाइट की मदद से सीख सकते हैं आप वेबसाइट बनाना
वर्डप्रेस, बीआइएक्स, योलो जैसी कई वेबसाइट्स हैं, जहां यूजर को वेबसाइट बनाने, मनपसंद डोमेन और सर्वर से जोड़ने के आसान तरीकों को बताया जा रहा है. आइटी एक्सपर्ट के मुताबिक इन वेबसाइट पर इस तरह से प्रोग्रामिंग की गयी है कि उनसे सीख कर यूजर फ्री में वेबसाइट बना सकते हैं. इतना ही नहीं यदि कोई एंड्रायड एप बनाना चाहता है, तो उसके लिए भी वेबसाइट पर टूल्स उपलब्ध हैं.
ज्यादातर युवा पहले व्यक्तिगत ब्लॉग और वेबसाइट बनाने के लिए इसका उपयोग करते थे, लेकिन अब बिजनेस वेबसाइट को बनाने के लिए भी इन वेबसाइट का सहारा ले रहे हैं. जहां तक वेबसाइट बनाने में मदद करने की बात है, तो वर्डप्रेस, बीआइएक्स और योलो की अलग-अलग खासियत है.
फ्री वेबसाइट के साथ ही यूजर डिजाइन को भी चुन सकते हैं
एक्सपर्ट बताते हैं कि वर्डप्रेस पर यह बताया जाता है कि हर एक टूल को कैसे उपयोग किया जा सकता है. वहीं वीआइएक्स पर ग्राफिक्स की तरह वेबसाइट बनायी जा रही है.
पहले इसे सर्वर पर लांच करना आसान नहीं होता था, लेकिन अब कुछ ही मिनट में वेबसाइट के नाम के साथ सर्वर पर इसे डेटा के साथ शिफ्ट किया जा सकता है. फ्री वेबसाइट के साथ ही यूजर डिजाइन को भी चुन सकते हैं. कई डिजाइन फ्री होती है. जबकि मनपसंद की डिजाइन के लिए कुछ हजार रुपये देने होते हैं.
पहले सीमित डिजाइन के ही वेबसाइट ब्लॉग बनाये जा सकते थे, लेकिन अब ऑनलाइन वेबसाइट और एप बनाने वाली कंपनियों ने इस काम को आसान बना दिया है. यहां हर स्टेप के अनुसार वेबसाइट बनाने के टूल समझाए जाते हैं. इसके लिए कोडिंग की जरूरत नहीं होती है और अगर कुछ मामलों में कोडिंग की जरूरत होती भी है तो यह भी आसानी से इंटरनेट पर फ्री में प्राप्त हो जाती है.
स्टैटिक वेबसाइट
यह वेबसाइट का सबसे सिंपल वर्जन होता है. इसमें साधारणत: होम पेज, अबाउट अस, सर्विस/प्रोडक्ट, पिक्चर गैलरी और कान्टेक्ट अस जैसे पांच या छह पेज में पूरी जानकारी दी हुई होती है. इसके साथ ही वेबसाइट में ऑनलाइन काॅन्टेक्ट करने के लिए फॉर्म भी होता है. इसे व्यक्ति भरे, तो वो सीधे वेबसाइट के ऑनर के पास जाता है.
डाइनेमिक वेबसाइट
यह वेबसाइट का एडवांस्ड वर्जन है. यदि किसी ऑफिस या बिजनेस के इंफॉरमेशन बहुत हैं और वेबसाइट देखने वाला व्यक्ति अपने हिसाब से सर्च कर अपने मन मुताबिक जानकारी लेना चाहता है, तो ऐसी वेबसाइट डाइनेमिक वेबसाइट कहलाती है. आजकल डाइनेमिक वेबसाइट का चलन ज्यादा है. जैसे इ-कॉमर्स वेबसाइट, जहां वेबसाइट विजिटर अपने पसंद के हिसाब से प्रोडक्ट और इंफॉरमेशन देखते हैं.
डेटा एनालिटिक वेबसाइट
हालांकि यह इसकी खासियत है, नाम नहीं है. अभी तक का जो सबसे लेटेस्ट वेबसाइट बन रही हैं, वे डेटा एनालिटिक फीचर्स सहित होती हैं. इस तरह की वेबसाइट यूजर का डेटा एनालिसिस कर रिपोर्ट देती हैं. इस तरह की वेबसाइट को बनाने में एडवांस्ड तकनीक का उपयोग किया जाता है.
एक्सपर्ट कहते हैं
वोल्ट टेक्नोलॉजी के प्रमुख व साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार के अनुसार अगर किसी के पास डॉट नेट, एचटीएमएल, पीएचपी या जावा जैसी कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की बेसिक जानकारी हो, तो वेबसाइट डेवलपमेंट का काम कर सकता है. वेबसाइट बनने के बाद एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट होता है. यही आपकी कमाई का जरिया होता है.
हर व्यक्ति को तय समय के बाद वेबसाइट रिन्यू कराना होता है. यदि किसी ने 300 के आसपास वेबसाइट बना लिया है, तो वह सिर्फ वेबसाइट रिन्यू कर अच्छी कमाई कर सकता है. इसके अलावा बड़ी कंपनियों के इंप्लाई के तौर पर भी काम किया जा सकता है.
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