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निर्भया गैंगरेप के दोषियों की मौत की सजा सुप्रीम कोर्ट ने रखी बरकरार, पिता बोले – जल्दी फांसी हो

नयी दिल्ली :निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों के रिव्यू पीटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है और तीनों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों के वकील से जानना चाहा कि पूर्व में अदालत द्वारा इस संबंध में दिये गये फैसले में कहां कमी […]

नयी दिल्ली :निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों के रिव्यू पीटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है और तीनों दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों के वकील से जानना चाहा कि पूर्व में अदालत द्वारा इस संबंध में दिये गये फैसले में कहां कमी रह गयी, जिसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा सका. अदालत ने कहा कि दोषियों के लिए फांसी की सजा सही है. इस मामले में अदालत ने पहले मुकेश और फिर पवन व विनय के मामले की सुनवाई करते हुए फैसला दिया. ऐसे में इन दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रही. अब इनके पास दो विकल्प शेष हैं – एक बार और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का और दूसरा राष्ट्रपति से दया याचिका का.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने मीडिया से कहा कि हमें मालूम था कि उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज होगी. पर अब इसमें आगे क्या होगा? बहुत समय गुजर गया है और महिलाओं के खिलाफ खतरा इस दौरान बढ़ा है.मुझे उम्मीद है कि उन्हें जल्द फांसी पर लटकाया जाएगा, यह सही होगा.

निर्भया के माता-पिता ने फैसले से पहले मीडिया से क्या कहा था?

निर्भया कांड की पीड़िता के पिता बद्रीनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए ठोस कदम उठाये जायें. वहीं, उनकी मां आशा देवी ने कहा है कि घटना के छह साल बीत गये. उसके बावजूद इस तरह के मामले हर दिन सामने आ रहे है. हमारा सिस्टम फेल है. उन्होंने आज दोपहर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया कांड के दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर दिये जाने वाले फैसले से पहले कहा है कि हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा और हमें न्याय मिलेगा. उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की उम्मीद जतायी है.

सुप्रीम कोर्ट नेपूर्व मेंदिल्ली उच्च न्यायालय की मौत की सजा काे रखा है बरकरार

उच्चतम न्यायालय के ‘निर्भया’ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों में से तीन की पुनर्विचार याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाने की संभावना है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के मुकेश (29), पवन गुप्ता (22) और विनय शर्मा की याचिकाओं परआज अपना फैसला सुनाने की उम्मीद है. चार दोषियों में शामिल अक्षय कुमार सिंह (31) ने शीर्ष अदालत के पांच मई 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है.

अक्षय कुमार सिंह के वकील एपी सिंह ने कहा, ‘‘अक्षय ने अब तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है. हम इसे दाखिल करेंगे.’ शीर्ष अदालत ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीया पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में उन्हें सुनाईगयी मौत की सजा को बरकरार रखा था. उससे दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और गंभीर चोट पहुंचाने के बाद सड़क पर फेंक दिया था.

सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु होगयी थी. आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. आरोपियों में एक किशोर भी शामिल था. उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया. उसे तीन साल सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया.

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