नयी दिल्ली:अपने पहले के रुख में बदलाव करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत के समक्ष जमानती मुचलका भरा, जिसके बाद अदालत ने तिहाड़ जेल से उनकी रिहाई का आदेश जारी किया.
भाजपा सांसद नितिन गडकरी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के एक मुकदमे में केजरीवाल ने पिछले छह दिन तिहाड़ जेल में बिताये हैं. दिन भर के घटनाक्रमों के बाद इस नाटक का खात्मा हुआ. इस दौरान केजरीवाल के वकील उनसे मिलने तिहाड़ जेल गये और दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अदालत के सुझाव को मानते हुए जमानती मुचलका भरने पर अपनी सहमति दे दी है. इससे पहले, केजरीवाल ने अदालत के समक्ष इस आधार पर जमानती मुचलका भरने से इनकार कर दिया था कि राजनीतिक प्रकृति के मामलों में जमानती मुचलका भरना ‘आप’ के सिद्धांतों के खिलाफ है.
इससे पूर्व दिल्ली हाइकोर्ट ने केजरीवाल को सलाह दी थी कि नितिन गडकरी की ओर से दायर मानहानि के मामले में जमानती मुचलका जमा करें. न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर और सुनीता गुप्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद जो चाहें वो कानूनी मुद्दा उठा सकते हैं. उन्हें इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. पीठ ने कहा कि उनकी ओर से उठाये गये कानूनी मुद्दों का भी अंतिम नतीजा यही रहनेवाला है.