नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अपने दिशा निर्देशों के अनुसार काले धन के सभी मामलों की निगरानी के लिए अपने पूर्व न्यायाधीश एम बी शाह के तहत विशेष जांच दल का गठन करने के लिए केंद्र को आज और एक सप्ताह की मोहलत दे दी.
न्यायाधीश बी एस चौहान और न्यायाधीश ए के सिकरी की अवकाश पीठ ने केंद्र को और एक सप्ताह का समय इसलिए दिया है क्योंकि पूर्व में शीर्ष अदालत द्वारा एसआईटी का गठन करने के लिए दी गयी समय सीमा कल समाप्त हो गयी थी.
पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि काले धन से संबंधित सभी दस्तावेज राजस्व विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी के सुरक्षित संरक्षण में रखे जाने चाहिए. अदालत ने याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के आरोपों के बाद यह निर्देश दिया जिनमें कहा गया था कि कुछ ‘‘महत्वपूर्ण’’ दस्तावेज शास्त्री भवन में लगी आग में नष्ट हो गए हैं.
सोलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने हालांकि जेठमलानी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सभी दस्तावेज नार्थ ब्लाक में रखे गए हैं न कि शास्त्री भवन में. शीर्ष अदालत ने एक मई को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह जर्मनी के लिसटेनस्टेन में एलएसटी बैंक में काले धन को जमा कराने के आरोपों के मामलों की जांच के दौरान एकत्र सभी दस्तावेज और सूचनाओं को तीन दिन के भीतर याचिकाकर्ता जेठमलानी तथा इस मामले को उठाने वाले अन्य लोगों को सौंपे.उसने केंद्र को भी निर्देश दिया था कि वह तीन सप्ताह के भीतर एसआईटी की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी करे.