नयी दिल्ली: नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को आमंत्रित किए जाने की कुछ सहयोगियों की ओर से की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए भाजपा ने आज कहा कि यह लोकतंत्र का जश्न मनाने का निमंत्रण है और इसे इसी रुप में लिया जाना चाहिए.
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के एक खुशगवार उत्सव में लोगों को भागीदार बनाने का प्रयास है और इसके लिए दिए गए निमंत्रणों को केवल इसी रुप में लिया जाए.’’ उन्होंने कहा कि जब नए निर्वाचित प्रधानमंत्री शपथ लेने जा रहे हैं तो उस अवसर पर सद्भावना का माहौल बनाने के लिए दक्षेस देशों के सरकार प्रमुखों को आमंत्रित करना एक जिम्मेदारी भरी चेष्टा है.
पार्टी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर चाहेंगे कि हमारे पडोसी इस खुशी के अवसर में शरीक हों.’’ राजग के कुछ सहयोगी दलों द्वारा राजपक्षे को आमंत्रित किए जाने का विरोध किए जाने के बारे में किए गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इस निमंत्रण के पीछे की भावना को समझेंगे.’’ भाजपा के अन्य प्रवक्ता कैप्टन अभिमण्यु ने कहा कि दक्षेस देशों के सरकार प्रमुखों को शपथ समारोह में आमंत्रित करना नई सरकार का सकारात्मक कदम है.
प्रकाश जावडेकर ने भी इस निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि नए प्रधानमंत्री भारत के पडोसी देशों को अपने शपथ समारोह में आमंत्रित करके पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं.मोदी 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और इस समारोह में शरीक होने के लिए भारत ने नवाज शरीफ सहित दक्षेस के सभी देशों के शासन प्रमुखों को आमंत्रित किया है. दक्षेस देशों में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान और मालदीव शामिल हैं.