मुंबई : बांबे हाईकोर्ट ने मां का अनादर करने वाले बेटे के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मां का अनादर व उससे अशिष्टता बर्ताव करने वाले बेटे को मां के घर में रहने का अधिकार कतई नहीं है. यहां चर्चा कर दें कि पिछले दिनों मां […]
मुंबई : बांबे हाईकोर्ट ने मां का अनादर करने वाले बेटे के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि मां का अनादर व उससे अशिष्टता बर्ताव करने वाले बेटे को मां के घर में रहने का अधिकार कतई नहीं है. यहां चर्चा कर दें कि पिछले दिनों मां ने अपने बेटे के प्रताड़ना से तंग आकर मालाबार हिल स्थित फ्लैट के घर का ताला बदल दिया था. इसके बाद बेटे ने अपनी पत्नी के साथ मां के खिलाफ हाईकोर्ट में आवेदन दिया था.
सोमवार को बांबे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसजे काथावाल ने इस आवेदन पर सुनवाई की और कहा कि बेटे का अपनी मां के घर में कोई अधिकार नहीं है. यदि, बेटे पर मां को प्रताड़ित करने, अपमानित करने और परेशान करने का आरोप है तो उसे (बेटा) घर के भीतर घुसने का भी अधिकार नहीं है और वह ऐसा दावा भी नहीं कर सकता है.
पेशे से डॉक्टर बुजुर्ग मां ने अदालत में अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखा कि पिछले कई वर्षों से वह अपने बेटे की वजह से शारीरिक व मानसिक यातना का लगातार सामना कर रही है. फिर भी, उसके बेटे के आचरण में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है. इसलिए भयभीत होकर मैंने पुलिस थाने में भी बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. हालांकि बेटे ने दलील दी कि मां ने बहन के इशारे पर इस तरह का बर्ताव किया लेकिन मां के आरोपों को निराधार बताया. मां ने बेटे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरी बेटी के पास अपना घर है. उसके पति खुद बिजनेस मैन हैं.
दोनों पक्षों को कोर्ट ने सुना और बुजुर्ग महिला को सुरक्षा का आश्वासन दिया और बेटे को कहा कि वह अदालत के अधिकारी की मौजूदगी में फ्लैट में रखी अपनी चीजें हटा ले. कोर्ट ने मालाबार हिल पुलिस थाने को निर्देश दिया है कि बुजुर्ग महिला को जब भी जरूरत हो तुरंत सहयोग दे.