बेंगलूर: चुनाव सर्वेक्षण में राजग के सत्ता में आने की भविष्यवाणी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि उनकी पार्टी को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता और वह ‘धर्मनिरपेक्षता की राजनीति’ के लिए संघर्ष करती रहेगी चाहे वह सरकार बनाये या विपक्ष में बैठे.
चुनाव सर्वेक्षण में कांग्रेस की पराजय की संभावना व्यक्त किये जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मीडिया ने हमें 1977 में भी खारिज कर दिया था लेकिन हमने वापसी की. हमें 1989 में खारिज कर दिया गया लेकिन हम फिर से वापस आए. इसलिए भगवान के लिए हमें सिरे से खारिज नहीं करें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक दिन बाद मतगणना शुरु होगी और 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव परिणाम सामने आ जायेंगे.
हालांकि सभी सर्वेक्षणों में हमें खारिज कर दिया गया है, लेकिन मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि मीडिया ने हमें 2004 और 2009 में भी खारिज कर दिया था.’’ प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में हिस्सा लेने आए सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने लम्बे राजनीतिक इतिहास में कई उतार चढाव देखे हैं लेकिन समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा से कभी नहीं भटकी.
तीसरे मोचरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम यह प्रयोग कर चुके हैं जिसमें एक छोटे पार्टी के नेता को बाहर से समर्थन देकर प्रधानमंत्री बनाया गया. लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं रहा. इसलिए अगर किसी गठबंधन या धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की संभावना होगी तो यह कांग्रेस नीत सरकार होगी.’’ नरेन्द्र मोदी के प्रचार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके आकलन के अनुसार 5000 करोड रुपये के करीब धनराशि खर्च की गई होगी. भारतीय राजनीति में इतनी अधिक धनराशि खर्च होते हमने नहीं देखा.
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री को प्रचार से अलग क्यों रखा गया, दिग्विजय ने कहा ‘‘मनमोहन सिंह जननेता नहीं है, वे पेशेवर, अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, असम. में चुनाव प्रचार किया.आतंकवादियों के एक खास समुदाय से संबंधित होने के भाजपा नेता गिरिराज सिंह के बयान को बकवास करार देते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘‘मैं ऐसे छह आतंकी मामले को जानता हूं जिसमें संघ के कार्यकर्ताओं पर बम विस्फोट के आरोप लगे हैं.’’