18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आतंक से जुडी हर जानकारी सिर्फ एक क्लिक पर

नयी दिल्ली : भारत के पास अब ऐसा केंद्रीकृत एवं संपूर्ण डाटाबेस है, जिसमें आतंकवादियों, आतंकी वारदात और आतंकी संगठनों के बारे में नवीन जानकारी उपलब्ध है. ऐसे डाटाबेस के अभाव के कारण ही हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी लियाकत अली शाह को लेकर विवाद खडा हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल […]

नयी दिल्ली : भारत के पास अब ऐसा केंद्रीकृत एवं संपूर्ण डाटाबेस है, जिसमें आतंकवादियों, आतंकी वारदात और आतंकी संगठनों के बारे में नवीन जानकारी उपलब्ध है.

ऐसे डाटाबेस के अभाव के कारण ही हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी लियाकत अली शाह को लेकर विवाद खडा हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल कोलकाता पुलिस के हाथों रिहा हो गया था.

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्यों के स्तर पर सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों और पुलिस के पास अब ऐसा डाटाबेस है जो पिछले लगभग एक महीने से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि यदि यह प्रणाली पहले से होती तो दिल्ली पुलिस के लिए यह जानना आसान होता कि लियाकत अली शाह ने दो साल पहले जम्मू कश्मीर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए आवेदन किया था या नहीं.

दिल्ली पुलिस का दावा है कि शाह राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवादी हमले करने के लिए पाकिस्तान से वापस लौटा है जबकि जम्मू कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि शाह हिज्ब का पूर्व आतंकवादी है और वह राज्य पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए आया था.

अधिकारी यह भी महसूस करते हैं कि यदि आतंकवादी सूचना प्रणाली (टीआईएस) होती तो चार साल पहले भटकल को कोलकाता पुलिस ने रिहा नहीं किया होता. उसे उस समय जाली नोट के मामले में गिरफ्तार किया गया था. कोलकाता पुलिस को गलती का पता उस समय चला, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और महाराष्ट्र पुलिस ने भटकल के बारे में उसे पूरा ब्यौरा दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें