तरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने आदिवासियों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करवायेगी. जनजातीय समुदाय की बदहाल स्थिति को लेकर चिंता के बीच केरल सरकार ने यह फैसला किया है. 10 साल के अंतराल के बाद करवाये जा रहे सर्वेक्षण का मूल लक्ष्य विभिन्न कार्यक्रमों और जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए सरकार द्वारा लागू परियोजनाओं के असर की जांच करना है.
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सर्वेक्षण के तथ्यों के आधार पर प्रशासन पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए खामियों को दूर कर रणनीति और कार्यक्रमों पर काम करेगा. विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ लक्षित समूहों तक नहीं पहुंचने की खबरों के बीच माकपा नीत एलडीएफ सरकार यह सर्वेक्षण कार्यक्रम करवा रही है.
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राज्य में सबसे पिछड़ी जनजाति आबादी में शामिल अट्टापडी में एक दुकान से खाने की सामग्री कथित तौर पर चुराने के लिए एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या की पृष्ठभूमि में यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण है. हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) कल्याण मंत्री एके बालन ने लिखित जवाब में सर्वेक्षण कराये जाने की घोषणा की थी.