बेंगलुरु : कर्नाटक में विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले शुक्रवार को पेश 2018- 19 के बजट में सर्वजनीन स्वास्थ्य बीमा कवरेज और निःशुल्क एलपीजी गैस कनेक्शनल उपलब्ध कराने सहित बिना सिंचाई सुविधावाले क्षेत्रों में खेती करनेवाले किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए कई घोषणाएं की गईं हैं. वहीं, अब राज्य में शराब पीनेवालों को और पैसे खर्च करने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क में आठ फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में 2018- 19 का बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि राज्य में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने से राज्य सरकार के 5.93 लाख कर्मचारियों और 5.73 लाख पेंशनरों पर 10,508 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. राज्य वेतन आयोग ने कर्मचारियों के वेतन ढांचे में 30 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन और अन्य उपायों से उत्पादकता और कार्यक्षमता बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार अपनी कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन करने की बेहतर स्थिति में होगी. सिद्धारमैया के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है.
उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी सोसायटी से किसी किसान सदस्य द्वारा लिये गये एक लाख रुपये तक के कर्ज को किसान की मौत हो जाने की स्थिति में माफ करने की घोषणा की है. बजट में देश में बनी विदेशी शराबों पर उनके ब्रैंड के अनुसार अतिरिक्त उत्पाद शुल्क की दरों में आठ प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. सिद्धरामैया ने कहा कि प्रभावी व्यवस्था और निगरानी उपायों के माध्यम से विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 में 18750 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना तय किया है. उन्होंने 35 वर्ष से ज्यादा समय के अपने राजनीतिक जीवन में रिकॉर्ड 13वीं बार बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने आबकारी विभाग के लिए 2017-18 में 18050 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा था, लेकिन जनवरी के अंत तक 14 हजार 572 करोड़ रुपये ही एकत्र हो सके. बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं है.
बजट में कहा गया है कि आरोग्य कर्नाटक योजना को इसी महीने शुरू किया जायेगा और साल के अंत तक इसे पूरी राज्य में अमल में ला दिया जायेगा. योजना के तहत प्राथमिक, विशिष्ट सेकेंडरी और तृतीय श्रेणी के इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य भर में उच्च गुणवत्तावाली वृहद प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिये अगले सात साल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक 5,000 की आबादी के लिए 9,000 स्वास्थ्य सुविधा केंद्र खोले जायेंगे. ये केंद्र मौजूदा उप-केंद्रों को उन्नत बनाते हुए स्थापित किये जायेंगे.
राज्य में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए कुल 6,645 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. राज्य सरकार की इस स्वास्थ्य योजना की घोषणा ऐसे समय की गयी है जब केंद्र सरकार की बजट में घोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना की चर्चा जोरों पर है. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के जवाब में सिद्धारमैया सरकार ने मुख्यमंत्री अनिला भाग्य योजना की घोषणा की है जिसके तहत दो चूल्हेवाला गैस स्टोव और दो गैस सिलेंडर नि:शुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की है. इस योजना का लाभ 30 लाख लाभार्थियों को मिलने की उम्मीद है जिससे राज्य सरकार के खजाने पर 1,350 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. राज्य सरकार ने सिंचाई सुविधा रहित किसानों की मदद के लिए ‘रैयत बेलाकू’ योजना की भी घोषणा की है जिसमें वर्षा पर निर्भर खेती करनेवाले प्रत्येक किसान को अधिकतम 10,000 रुपये और न्यूनतम 5,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राशि की सहायता सीधे उनके बैंक खातों में डाली जायेगी. इससे सरकारी खजाने पर 3,500 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा और करीब 70 लाख किसानों का इसका लाभ मिलने की संभावना है.