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हमले में मरने वालों की संख्या 36 हुई, बीटीएडी जिलों में कर्फ्यू में ढील

गुवाहाटी: असम के हिंसा प्रभावित जिलों में आज और दो शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढकर 36 हो गयी है. दूसरी ओर किसी भी क्षेत्र से हिंसा की ताजा घटनाओं की सूचना नहीं होने के कारण यहां लगे कर्फ्यू में कुछ ढील दी गयी. पुलिस ने बताया कि कल रात बारपेटा रोड […]

गुवाहाटी: असम के हिंसा प्रभावित जिलों में आज और दो शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढकर 36 हो गयी है. दूसरी ओर किसी भी क्षेत्र से हिंसा की ताजा घटनाओं की सूचना नहीं होने के कारण यहां लगे कर्फ्यू में कुछ ढील दी गयी.

पुलिस ने बताया कि कल रात बारपेटा रोड के पास बेकी नदी से सात साल की बच्ची का शव निकाला गया जबकि बक्सा से आज 35 वर्ष के एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ.उन्होंने बताया कि शवों को गोली लगने का कोई निशान नहीं है और संदेह है कि बृहस्पतिवार को एनडीएफबी :एस: के हमलों से बचने के लिए भागते हुए उनकी मौत हुई होगी. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की मदद से लापता 15 लोगों को खोजने के प्रयास जारी है.

राज्य सरकार के खोज एवं राहत कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी तैनात किया गया है. इसबीच आज असम सरकार की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि बीटीएडी इलाकों में आतंकवादी हमलों के बाद उठाए गए कठोर कदमों से प्रभावित जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधरी है.

बयान में दावा किया गया है कि प्रभावित जिलों से अनिच्छापूर्ण प्रवास और लोगों के विस्थापन की कोई सूचना नहीं है.बयान में यह भी कहा गया है कि जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए सेना की मांग की गयी थी और उग्रवाद विरोधी अभियान चलाने तथा अवैध हथियारों का पता लगाने के लिए भी इसकी दोबारा मांग की गयी है. इसके साथ ही कहा गया है कि सेना त्वरित तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार स्थिति में बनी रहेगी.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अतिरिक्त महानिदेशक एन. आर. वासन आज गुवाहाटी पहुंचे और मुख्य सचिव जितेश खोसला से मिलकर बीटीएडी क्षेत्रों में हुई हिंसा के चुनिंदा मामलों की जांच अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया के संबंध में चर्चा की.

राज्य में 2012 की हिंसा के दौरान गठित मंत्रिसमूह राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी कर रहा है. मंत्रिसमूह ने जिनके घर पूरी तरह जल गए हैं.क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें 22,000 रुपए प्रति परिवार, प्रति परिवार कपडों के लिए 2,000 रुपए और बर्तन के लिए प्रति परिवार 2,000 रुपए मुआवजा राशि सहित अन्य चीजें देने की सिफारिश की है.

उधर असम मानवाधिकार आयोग ने असम सरकार को नोटिस जारी कर हमले में वन विभाग के छह लोगों के कथित रुप से शामिल होने की जांच करने को कहा है.

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