सुंजवान (जम्मू) : जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित सेना के एक शिवर पर शनिवार तड़के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें दो जूनियर कमिशंड अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गये, जबकि एक मेजर और और सैन्य कर्मी की बेटी समेत नौ लोग घायल हो गये. आतंकी हमले के बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अब तक दो आतंकियों को मार गिराया गया है. सेना ने इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के शामिल होने की पुष्टि की है.
सेना की जवाबी कार्रवाई की जानकारी देते हुए सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सेना की इस कार्रवाई मेंदो आतंकियों को मार गिराया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि मारे गये आतंकियों के पास से एके-56 राइफल, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मारे गये आतंकियों ने युद्ध में इस्तेमाल होनेवाले यूनिफार्म पहन रखे थे. सेना ने बताया कि हमले मेंनौ लोग घायल हुए हैं जिनमेंपांच महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इन घायल लोगों में दो की हालत गंभीर है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा को जानकारी दी कि आतंकवादियों के हमले में सूबेदार मदनलाल चौधरी और सूबेदार मोहम्मद अशरफ मीर शहीद हो गये. जम्मू स्थित सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कैंप के मुख्य प्रवेश द्वार पर मीडियाकर्मियों को बताया, शनिवार तड़के सुरक्षा में तैनात पहरेदारों के साथ संक्षिप्त गोलीबारी के बाद कुछ आतंकवादी, सैन्यकर्मियों के परिवारों के रिहायशी इलाके की ओर चले गये. अधिकारी ने बताया, ‘त्वरित प्रतिक्रिया बल के दलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और कैंप के भीतर कुछ घरों में छिपे आतंकवादियों को एक तरफ कर दिया.’ उन्होंने कहा कि परिवारों को निकालने में एक जेसीओ शहीद हो गये, जबकि महिला और बच्चे सहित छह लोग घायल हो गये. उन्होंने कहा, ‘आवासीय कॉलोनी में महिला और बच्चों की मौजूदगी के कारण बहुत सावधानी से अभियान चलाया गया ताकि कम से कम हताहत हों.’
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों की सहायता ली जा रही है. सैन्यकर्मियों ने बुलेटप्रूफ वाहनों से कैंप के पीछे के हिस्से में आवासीय क्वार्टर से लोगों को निकाला. अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान पूरा होने के बाद छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जायेगी. चारदीवारी के बाहर अर्द्धसैन्य बल सीआरपीएफ और पुलिसकर्मियों की टुकड़ियां तैनात की गयी है और आसपास नजर रखी जा रही है ताकि कोई हताहत ना हो. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की सटीक संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन शुरुआती आकलन के मुताबिक कैंप के भीतर चार से पांच आतंकवादी हो सकते हैं.
पुलिस महानिरीक्षक एसडी सिंह जामवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘सुबह करीब चार बजकर 55 मिनट पर संतरी ने संदिग्ध गतिविधि देखी और तभी उसके बंकर पर गोलीबारी की गयी. संतरी ने इस गोलीबारी का माकूल जवाब दिया. आतंकवादियों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं है. आतंकियों की घेराबंदी कर ली गयी है.’ सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हमले के फौरन बाद सेना के विशेष बलों और विशेष अभियान दल के अतिरिक्त बलों को मौके पर भेजा गया और भारी गोलीबारी के बीच पूरे इलाके की घेराबंदी की गयी. अधिकारियों ने एहतियाती कदम के रूप से शिविर के आसपास के सभी स्कूलों को आज बंद रखने का आदेश दिया है. जम्मू में हाईअलर्ट घोषित किये जाने के साथ ही आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरु की बरसी पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाये जाने को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी. अफजल गुरु को नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गयी थी. मंत्री ने इससे पहले सदन को बताया था कि घायलों में सेना के एक अधिकारी, हवलदार अब्दुल हमीद, लांस नायक बहादुर सिंह और दिवंगत सूबेदार चौधरी की बेटी शामिल हैं.