नयी दिल्ली : आतंकवादी अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर कुरैशी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सॉफ्टवेयर इंजीनियर तौकीर इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक सदस्यरहाहै और वह बड़ीआइटी कंपनी में नौकरी कर चुका है.उसेस्लीपरसेल बनाने में महारत हासिल है.
दिल्ली के गाजीपुर से गिरफ्तारीके बाद आज डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर मीडिया को उसके संबंध में जानकारी दी.उन्होंने बतायाकि वह अपने कोर एसोसिएट से संपर्क की कोशिशमेंथा और इसी दौरान उसे गाजीपुर सेगिरफ्तारकिया गया.
अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर कुरैशी को भारत का ओसामा बिन लादेन कहा जाता है. यह इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी से जुड़ा रहा है. बताया जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन के सारे ऑनलाइन काम तौकीर ही करता है. वह स्लीपर सेल तैयार करने में माहिर माना जाता है.
सुरक्षा एजेंसियों को 10 साल से इस संदिग्ध आतंकी की तलाश थी. तौकीर की तलाशी के लिए काफी समय से गुजरात एटीएस और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच दिल्ली पुलिस के संपर्क में थी. उसे रूप बदलने में काफी माहिर माना जाता है, इसी वजह से इतने सालों तक वह पुलिस से बचता रहा.
दिल्ली के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, तौकीर आइएम का संस्थापक तौकीर अपनी पहचान बदलकर नेपाल में रह रहा था. एनडी टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह 2013 से 2015 के बीच साउदी अरब में रह चुका है. वह वापस भारत (दिल्ली में) वह इंडियन मुजाहिद्दीन को पुनर्जीवित करने आया था.
आतंकी अब्दुल कुरैशी दिल्ली, अहमदाबाद और बेंगलुरु में हुए ब्लास्ट में शामिल था. कुरैशी साल 2006 में मुंबई में ट्रेन में हुए ब्लास्ट का भी संदिग्ध बताया जा रहा है. अब्दुल सुभान कुरैशी साल26जुलाई 2008को गुजरात के दो बड़े शहरों अहमदाबाद व सूरत में हुए सीरियल बम धमाकों का मास्टर माइंड माना जाता है. इसके लिए उसने21 टिफिन बम का प्रयोग किया था, जिसे व्यस्त मार्केट व अन्य जगह रखा गया था. 2010 में दिल्ली ब्लास्ट का भी वह आरोपी है.
तौकीर के माता-पिता मूल रूप से उत्तरप्रदेश के रामपुर का रहने वाला हैं लेकिन यह परिवार रोजगार के लिए मुंबई जा बसा. उनके पिता का नाम हाजी उस्मान कुरैशी एवं मां का नाम जुबैदा बेगम कुरैशी है. उसने दसवीं की पढ़ाईमुंबई के बाइकुला के एक इस्लामिक ट्रस्ट से पूरी की थी. उसने 1988 में ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की. उसने सेंकेडरी की परीक्षा 76.6 प्रतिशत के शानदार अंक के साथ पास की थी.
दिलचस्प यह कि उसका परिवार उच्च शिक्षित है फिर भी वह आतंक की राह पर चल पड़ा. उसकी बहनें शबाना, असम और साफिया एमए डिग्रीधारी हैं, जबकि उसकी छोटी बहन फरहा एक उर्दू अखबार में कॉलम लिखती है और उपान्यासकार है. उसकी एक बहन मुंबई के एक नामी कॉलेज की छात्रा है. उसके सभी भाई इमरान, नमान और सलमान उच्च शिक्षित हैं. उसके परिवार के किसी सदस्य का आतंकी रिकार्ड नहीं रहा है, लेकिन इस साॅफ्टवेयर इंजीनियर के सिमी से जुड़ने के बाद इसके जीवन की दशा बदल गयी.