नयी दिल्ली : मिनी स्कर्ट पहन कर विदेशियों के यहां जामा मस्जिद में घुसने की घटनाओं ने इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासिन भटकल और उसके सहयोगियों ने सितंबर 2010 में इस ऐतिहासिक मस्जिद पर हमला करने के लिए उकसाया था.
भटकल और उसके साथी असदुल्लाह अख्तर के खिलाफ यहां अदालत में दाखिल आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने बताया कि आरोपियों की नजर में विदेशियों द्वारा छोटे कपड़े पहनना गैर इस्लामिक माना जाता है और इसी वजह से उन्होंने मस्जिद के तीन नंबर गेट पर हमला करने का फैसला किया.
पुलिस ने बताया, यासिन द्वारा टोह लिए जाने के बाद , यह फैसला किया गया कि हमले के लिए तीन नंबर गेट सही स्थान है क्योंकि इसी जगह से छोटे कपड़े पहनने वाले विदेशी जामा मस्जिद परिसर में प्रवेश करते हैं जिन्हें ये आतंकवादी गैर इस्लामिक मानते थे. भटकल और अख्तर को 19 सितंबर 2010 को जामा मस्जिद पर हुए आतंकवादी हमले के संबंध में आरोपित किया गया है.
इस हमले में दो ताइवानी पर्यटक घायल हो गये थे. पुलिस ने बताया कि दो मोटरसाइकिल सवारों ने जामा मस्जिद के तीन नंबर गेट पर पर्यटकों पर गोलीबारी की और दो ताइवानी पर्यटक कू जेई वेई तथा को चियांगे घायल हो गये. पुलिस के अनुसार इलाके में खडी की गयी चोरी की कार में मामूली धमाका हुआ जिसमें बम लगाया गया था.
आरोपपत्र में पुलिस ने कहा कि पुणे में 13 फरवरी 2010 के बम विस्फोट के पांच महीने बाद आईएम के भारतीय प्रमुख भटकल ने पहाडगंज के जर्मन बेकरी में एक अगस्त 2010 को आतंकवादी हमले की योजना बनायी थी लेकिन इस योजना को रद्द कर दिया गया क्योंकि हमले को अंजाम देने वाले एक आतंकवादी को दुर्घटनावश हुई गोलीबारी में चोटे आयी थीं.
पुणे की जर्मन बेकरी में 13 फरवरी 2010 को हुए शक्तिशाली बम विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे जिनमें विदेशी भी शामिल थे. हमले में करीब 60 लोग घायल भी हुए थे. पुलिस ने दावा किया है कि यासिन भटकल को पाकिस्तान स्थित उसके आकाओं ने दिल्ली में होने वाले 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व आतंकवादी हमले करने का निर्देश दिया था.