चंडीगढ़/गुरदासपुर : पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री और अकाली दल के गुरदासपुर जिला प्रधान सुच्चा सिंह लंगाह को तीन के लिए और पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस ने एक दिन का रिमांड खत्म होने पर सुच्चा सिंह को मंगलवार दोपहर सीजेएम मोहित बंसल की अदालत में पेश किया. पुलिस ने सात दिन […]
चंडीगढ़/गुरदासपुर : पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री और अकाली दल के गुरदासपुर जिला प्रधान सुच्चा सिंह लंगाह को तीन के लिए और पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. पुलिस ने एक दिन का रिमांड खत्म होने पर सुच्चा सिंह को मंगलवार दोपहर सीजेएम मोहित बंसल की अदालत में पेश किया. पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने लंगाह को तीन दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया.
गौरतलब हो कि सुच्चा सिंह पर एक महिला ने दुष्कर्म, धोखाधड़ी एवं धमकी देने का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. महिला ने आरोप लगाया था कि जब वो सुच्चा सिंह के पास पति की जगह नौकरी दिलाने के लिए मदद की मांग करने पहुंची थी तो उसके साथ उन्होंने रेप किया था. उक्त महिला के पति की 2008 में मौत हो गयी थी.
लंगाह के खिलाफ पीड़िता ने एफिडेविट के साथ वीडियो की पेन ड्राइव भी पुलिस को सौंपी थी. महिला विजिलेंस विभाग में काम करती है और वह गुरदासपुर के ही एक गांव की रहने वाली है. महिला ने कहा कि उसकी मुलाकात 2009 में सुच्चा सिंह लंगाह से हुई थी. फिर वह उनसे चंडीगढ़ के किसान भवन में मिली. तब लंगाह ने फिर दो-तीन दिन बाद वहीं मिलने के लिए बुलाया. जब वह वहां पहुंची तो लंगाह ने उसके साथ गलत हरकत की और धमकाते हुए शारीरिक शोषण किया. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि बाद में बीएमडब्ल्यू कार भेज कर उसे सचिवालय बुलाया और नौकरी दिलाने की पैरवी की. इसके आड़ में वह शारीरिक शोषण करते रहे.
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वह उसे धमकी देते थे कि वह किसी की जान मरवा सकते हैं. उनकी पहचान यूपी-बिहार के गैंगस्टरों व बाहुबलियों से है. वह अपने निजी नंबर या फिर अलग-अलग नंबर से अक्सर फोन करते. स्थानीय कॉलोनी में आकर मिलते भी थे. उन्होंने चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाट देने का भी वादा किया था.
पीड़िता के अनुसार, लंगाह ने कोठी दिलवाने के बहाने उसकी एक एकड़ जमीन बेचवा दी. जमीन बिक्री से मिले 30 लाख रुपये से उसे सिर्फ साढ़े चार लाख रुपये दिये गये, बाकी उन्होंने ही रख लिये. जब उसने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं तो लंगाह ने सरकारी बैंक में उसके नाम से आठ लाख रुपये का लोन मंजूर करवा दिया जिसमें उसे मात्र एक लाख ही मिला. पीड़िता ने आरोप लगाया कि उन्होंने उसका घर का भी सौदा करवा दिया और कोठी पन आने का दबाव बनाते. जब पीड़ा असहनीय हो गयी तो उसने हिम्मत करके वीडियो बनायी और पुलिस को सौंप दी.