बेंगलूर : बेंगलूर दक्षिण लोकसभा सीट के लिए मुकाबले में एक अरब भारतीयों को पहचान पत्र मुहैया कराने के विशाल कार्यक्रम का हिस्सा रहे शख्स के आने से इस सीट पर सबकी नजर टिक गयी है.इंफोसिस के सह संस्थापक और संप्रग के अहम कार्यक्रम ‘आधार’ का चेहरा रहे अरबपति नंदन निलेकणी के सामने भाजपा के अनंत कुमार हैं जो पांच बार सांसद रह चुके हैं. मुख्य रुप से मध्य और निम्न मध्यवर्गीय आबादी वाली यह सीट 1989 को छोडकर 1970 के बाद से कांग्रेस के लिए दूर की कौडी ही साबित हुयी है.
कुमार ने 1999 में जहां 65,000 वोट से जीत हासिल की थी तो 2009 में 37,000 वोटों से विजय परचम लहराया. इस तरह देखा जाए तो जीत का अंतर कम हुआ. बेंगलूर दक्षिण में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें से सत्तारुढ कांग्रेस और भाजपा के पास चार-चार सीट है. निलेकणी पर चुटकी लेते हुए कुमार ने कहा, ‘‘मैं एक यूनिक कैंडिडेट हूं न कि यूनिक आइडेंटिटी कैंडिडेट’.निलेकणी ने पलटवार करते हुए कुमार को अनुपस्थित रहने वाला सांसद करार देते हुए आरोप लगाया कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में नजर नहीं आते हैं. आधार को ‘निराधार’ बताते हुए कुमार ने कहा कि सत्ता में जब राजग की सरकार आएगी तो इसे खत्म कर दिया जाएगा.