नयी दिल्ली: भाजपा से निष्कासित किए जाने के एक दिन बाद दिग्गज वकील राम जेठमलानी ने आज पलटवार करते हुए कहा कि यह कदम उठा कर पार्टी ने खुदकुशी की है जिससे ‘‘भ्रष्ट’’ सरकार और पार्टी (भाजपा) के भीतर उसके सहयोगियों को खुशी होगी.
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में जेठमलानी ने कहा कि वह कम से कम 2004 से भाजपा से बाहर थे. उन्होंने कहा, ‘‘अगर पहले नहीं तो मैं कम से कम 2004 से पार्टी से बाहर था। 2010 में पार्टी ने इस आग्रह के साथ मुझसे संपर्क किया कि मैं शामिल हो जाउं. उस वक्त मैंने इसे बहुत साफ कर दिया था कि पार्टी राष्ट्र को पेश सभी समस्याओं पर मेरे विचार जानती है.’’
जेठमलानी ने कहा, ‘‘पार्टी को मुङो बदलने का कोई अधिकार नहीं है, बल्कि उसे बदलने का मेरा अधिकार है.’’ उल्लेखनीय है कि जेठमलानी भाजपा नेतृत्व के आलोचक थे और उन्होंने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ बगावत कर दी थी. उन्हें ‘‘अनुशासन के उल्लंघन’’ के आरोप में कल पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिए निकाल दिया गया था.