नयी दिल्ली: भारत में राजनीतिक वर्ग की कभी पसंदीदा कार रही ‘एंबेसेडर’ का जलवा आज भी बरकरार है और 16वें लोकसभा चुनाव में भाग ले रहे उम्मीदवारों के लिए बहुमूल्य है और इसका जिक्र उन्होंने अपने हलफनामे में संपत्ति की सूची में किया है.एंबी के तौर पर पर जानी जानेवाली देश के इस सबसे पुरानी कार के अलावा कुछ लोकसभा उम्मीदवारों के पास सामान्य सी मारति-800 और जमाने से मजबूती का नाम बुलेट और अब लगभग जनमानस की स्मृति से विदा ले चुका मोटरसायकिल ब्रांड राजदूत भी है.
उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में बिल्कुल अलग तरह के वाहनों का जिक्र किया है लेकिन कुछ उम्मीदवारों ने अपने या अपने परिवार के सदस्यों के पास मोपेड, स्कूटर और यहां तक कि सायकिल होने का भी जिक्र किया है.जिन लोगों ने अपनी परिसंपत्ति की सूची में एंबेसेडर का जिक्र किया है उनमें से ज्यादातर कांग्रेस या भाजपा के है जबकि कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता है.
भाजपा के जिन उम्मीदवारों के पास एंबेसेडर कार है उनमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, फिल्म अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा और दार्जीलिंग में पार्टी के उम्मीदवार एस एस अहलूवालिया शामिल हैं.कांग्रेस नेताओं में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और दो अन्य नेताओं के पास एंबेसेडर कार है.
उल्लेखनीय है कि एंबेसेडर की यात्रा लगभग भारतीय लोकतंत्र जितनी पुरानी है और यह ब्रांड देश के राजनीतिक वर्ग का पर्याय बन गया था. इस ब्रांड को हिंदुस्तान मोटर्स ने 1957 में पेश किया था और देश का पहला चुनाव 1951-52 में हुआ था. हिंदुस्तान मोटर्स की स्थापना स्वतंत्रता मिलने से कुछ ही साल पहले 1942 में हुई थी जो देश की पहली कार निर्माता थी और यह बरसों तक राजनेताओं, नौकरशाहों और सत्ता-वर्ग की पसंदीदा कार रही और लगभग 80 साल तक बाजार पर इसका एकाधिकार रहा.