नयी दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के रहमान खान ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को विभाजनकारी राजनीति का प्रतिनिधित्व करने वाला करार देते हुए कहा है कि देश में अगर मोदी 7-रेसकोर्स रोड (प्रधानमंत्री निवास) पहुंचते हैं तो वह एक तनाशाह होंगे तथा इससे देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को धक्का लगेगा.
रहमान खान ने एक साक्षात्कार में कहा, यह अफसोसनाक है कि ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा है जिसकी छवि साफ नहीं है. देश में अब तक सारी पार्टियों ने साफ छवि के व्यक्ति को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार तौर पर पेश किया. यहां तक कि वाजपेयी की सोच भी अलग थी, लेकिन उनकी एक गरिमा (ग्रेस) थी. उन्होंने कहा, समाज का एक बड़ा तबका मोदी को प्रधानमंत्री नहीं देखना चाहता है.
ऐसा क्यों? भाजपा जीते और उसका प्रधानमंत्री बने, किसी को दिक्कत नहीं है. परंतु मोदी क्यों? सिर्फ मोदी को ही पेश क्यों किया जा रहा है. इसलिए कि वह विभाजनकारी राजनीति का प्रतिनिधत्व करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा में आडवाणी से ज्यादा योगदान मोदी का नहीं है. क्या सुषमा का योगदान कम है? मोदी ही क्यों? मोदी की सोच आरएसएस की सोच है.
आरएसएस अपनी विचारधारा लागू करने के लिए उन्हें ला रहा है. यह पूछे जाने पर कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर क्या स्थिति देखते हैं, केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं यह खतरा देखता हूं कि वह तानाशाह रहेंगे. यहां सांप्रदायिक मूल्यों को धक्का लगेगा. उन्होंने इस सवाल को खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने मोदी के समक्ष समर्पण कर दिया है. खान ने कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हमने समर्पण किया है. इतना जरूर है कि उनका प्रचार बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है और हमारा प्रचार अभियान उस स्तर का नहीं है.