बेंगलूर : कर्नाटक में दो प्रमुख ज्ञानपीठ विजेता कन्नड लेखकों और भाजपा के बीच नरेंद्र मोदी को लेकर एक एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खिंच गई हैं. मशहूर लेखक यू आर अनंतमूर्ति और गिरीश करनाड ने मोदी पर सीधे हमले किए हैं तो भाजपा नेताओं ने भी उनपर पलटवार किया है.अनंतमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार मोदी ‘भारतीय सभ्यता और इसकी बहुलतावादी संस्कृति के लिए खतरा’ हैं. करनाड भी ‘भाजपा का एकमात्र चेहरा’ होने को लेकर मोदी की जमकर आलोचना करते रहे हैं. ये दोनों लेखक वैचारिक रुप से भाजपा और संघ परिवार विरोध के मुखर विरोधी के तौर पर जाने जाते हैं. समय-समय पर दोनों ने ऐसे बयान दिए हैं जिससे विवाद खडे हुए हैं.
भाजपा ने इन दोनों लेखकों को कांग्रेस का ‘चापलूस’ होने का आरोप लगाया है. पार्टी के नेता सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति के पास अपनी पसंद की पार्टी का समर्थन करने का अधिकार है. परंतु क्या साहित्यकारों की ओर से भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार की लोकप्रियता पर सवाल खडे करना और शोर-शराबा करने वाली ब्रिगेड की तरह व्यवहार करना सही है’’कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने आरोप लगाया कि नक्सलियों और अपराधियों का समर्थन करने वाले कुछ वामपंथी विचार के साहित्यकार ऐसी बात कर रहे हैं. अनंतमूर्ति ने कुछ महीने पहले एक बयान दिया था. इसपर खासा विवाद हुआ था. उन्होंने कहा था, ‘‘मैं उस देश में नहीं रहना चाहूंगा जहां मोदी जैसा व्यक्ति प्रधानमंत्री हो.’’
कुछ और लेखकों जैसे वसुंधरा भूपति, के मरुलासिदप्पा और जीके गोविंद राव ने अनंतमूर्ति और करनाड के साथ मिलकर ‘समकालीन विचार वेदिके’ नामक बैनर बनाया है. वे भाजपा का विरोध और कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इन साहित्यकारों के समर्थन में आए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की यह उम्मीद करना ‘मूर्खता का पराकाष्ठा’ है कि लेखक उनकी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे.